नई दिल्ली। अगर महंगाई से निजात पाने की सोच रहे हैं तो इस साल इस उम्मीद को बिल्कुल त्याग दीजिए। सरकार महंगाई कम करने के लाख दावे कर रही है। लेकिन अभी तक लोगों को महंगाई से किसी प्रकार की निजात नहीं मिल रही है। हर चीज के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार का दावा है कि खुदरा महंगाई भले ही पिछले तीन महीने से घट रही है। लेकिन इसी दावे के विपरीत ही एक और बात सरकारी अधिकारी कह रहे हैं। उनके मुताबिक अगले साल मार्च तक ही महंगई के छह फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है। वहीं, बढ़त्ी महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई अब दिसंबर तक रेपो दर में 0ः60 प्रतिशत तक वृद्धि करने पर विचार कर रही है। यह माना जा रहा है कि रेपो दर में दिसंबर में आरबीआई हर हाल में 0ः60 प्रतिशत की वृद्धि करने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
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अमेरिका की बार्कलेज विवि के मुख्य अर्थशास्त्री की माने तो महंगाई पर काबू पाने के लिए अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह आरबीआई आक्रामक रुख अपना सकता है। सितंबर व दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की होने वाली बैठक में आरबीआई रेपो दर दो बार में 0ः50 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। कुछ आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि सितंबर में होने वाली इस एमपीसी की बैठक में नीतिगत दर में 0ः50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। वैश्विक मंदी की चिंताओं और केंद्रीय बैंकों के कठोर रुख के बीच मांग घट जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है। अक्तूबर के लिए ब्रेंट क्रूड का भाव अब 1ः6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 95ः12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ है। अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई ने सितंबर वायदा भाव 1ः7 प्रतिशत नरमी के साथ 89ः21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।