नई दिल्ली। आरबीआई ने विभिन्न बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स राशि का पता लगाने के लिए तीन-चार महीने में एक पोर्टल शुरू करने का फैसला किया है। बैंकों में बड़ी संख्या में ऐसे खाते हैं, जिनमें वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। फरवरी, 2023 तक सरकारी बैंकों ने आरबीआई को करीब 35,000 करोड़ रुपये की ऐसी जमा स्थानांतरित की है, जिनमें पिछले 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
पहली मौद्रिक नीति समिति में लिया फैसला
आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा, जमाकर्ताओं या लाभार्थियों की पहुंच को व्यापक करने और उसमें सुधार के लिए एक वेब पोर्टल बनाया जाएगा। इसके जरिये विभिन्न बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि का पता लगाया जा सकेगा। ‘सर्च’ के नतीजों को बेहतर करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) टूल का इस्तेमाल किया जाएगा।
एसबीआई में सबसे अधिक अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स
आरबीआई के मुताबिक, एसबीआई में सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि जमा है। पंजाब नेशनल बैंक में ऐसे 5,340 करोड़ रुपये जमा हैं। केनरा बैंक में ऐसी जमा राशि 4,558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3,904 करोड़ रुपये है।
अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स की जानकारी एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होने से ग्राहकों को बहुत फायदा होगा। अभी अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाना काफी मुश्किल काम है। ग्राहक को अलग-अलग बैंकों की वेबसाइट पर जाकर जांच-पड़ताल करनी पड़ती है। आरबीआई के अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स के लिए डेडीकेटिड पोर्टल लॉन्च करने से ग्राहकों को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी।