अडानी और अम्बानी पर लगातार उंगलियां उठाने वाले राहुल गाँधी को भाजपा विकास विरोधी बताती है, कांग्रेस के प्रवक्ता रहे गौरव बल्लभ ने आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने से पहले कांग्रेस पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया और कहा कि वो रोज़ रोज़ देश के उद्योगपतियों (वेल्थ क्रिएटर्स) को गालियां नहीं दे सकते। लेकिन राहुल गाँधी ने नामांकन के दौरान जो हलफनामा दाखिल किया है और उसमें अपनी संपत्ति और निवेश का जो ब्यौरा दिया है उससे ये तो कहीं से नहीं लगता कि उन्होंने गौरव बल्लभ को देश के वेल्थ क्रिएटर्स को रोज़ाना गालियां देने के लिए कहा होगा क्योंकि हलफनामे के हिसाब से राहुल ने शेयर बाज़ार में भी निवेश किया हुआ है, ये अलग बात है कि उन्होंने जिन कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया है उनमें अडानी या अम्बानी की कोई कंपनी नहीं है.
मतलब राहुल गाँधी जो कहते हैं उस पर अमल भी करते हैं, राहुल के हिसाब से अडानी और अम्बानी देश की दौलत पर मोदी की मदद से कब्ज़ा कर रहे हैं, एक तरह से अडानी और अम्बानी को गलत तरीके से पैसे बनाने दिए जा रहे हैं, क़र्ज़ माफ़ किये जा रहे हैं और इसीलिए राहुल गाँधी अडानी और अम्बानी को खरी खोटी सुनाते रहते हैं. लेकिन राहुल को बिजनेसमैन विरोधी तो नहीं कहा जा सकता। हलफनामे के मुताबिक राहुल को अडानी-अम्बानी की जगह टाटा और बिरला पर ज़्यादा भरोसा है जो देश के सबसे पुराने उद्योग समूह हैं.
हलफनामे के मुताबिक राहुल गांधी का टाटा के शेयरों में निवेश कुल 42 लाख रुपए का है, टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस और टाइटन में राहुल गाँधी ने निवेश किया है, राहुल के पास टाइटन के 897 और टीसीएस के करीब 234 शेयर हैं. इसी तरह 551 शेयर बजाज फाइनेंस के हैं, जिनकी वैल्यू 35.90 लाख रुपए है. राहुल ने सबसे ज़्यादा पैसा पिडिलाइट इंडस्ट्रीज में (करीब 42.27 लाख रुपए) लगा रखा है. वहीँ 4068 शेयर सुपरजीत इंजीनियरिंग लिमिटेड के हैं जिनकी वैल्यू 16.65 लाख रुपए है.
राहुल गांधी ने इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर,आईटीसी, दीपक नाइट्राइट, एशियन पेंट्स, डॉ. लाल पैथ लैब, नेस्ले इंडिया और इंफोसिस और इंफो एज इंडिया लिमिटेड में निवेश कर रखा है. कुल मिलकर राहुल गांधी का स्टॉक पोर्टफोलियो करीब 4 करोड़ रुपए का है. इसके अलावा उनका म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो 3.81 करोड़ रुपए का है साथ ही सॉवरेन गोल्ड फंड की भी 220 यूनिट राहुल के पोर्टफोलियो में शामिल.