उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट किया है कि प्रियंका गाँधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, हालाँकि अमेठी को लेकर उन्होंने कोई बात नहीं की है. अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि प्रियंका गाँधी हर हाल में चुनाव लड़ेंगी और इसके लिए रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ता तैयारी भी कर रहे है. अजय राय ने कहा रायबरेली में हमने बूथ से लेकर जिला स्तर तक संगठन को मजबूत किया है. बता दें कि भाजपा को भी अभी इस बात का इंतज़ार है कि सोनिया गाँधी की जगह कांग्रेस पार्टी इस सीट से किसे उम्मीदवार बनाती और इसलिए उसने अभी तक रायबरेली के लिए किसी प्रत्याशी का एलान नहीं किया है।
रायबरेली और अमेठी को लेकर कांग्रेस पार्टी में अभी तक एक ख़ामोशी छाई हुई है, कहा तो ये जा रहा है कि दोनों ही सीटों से गाँधी परिवार का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा. राहुल गाँधी के न लड़ने की तो ये वजह बताई जा रही है कि वायनाड और अमेठी दोनों जगह पर जीत मिलने पर एक सीट को छोड़ना होगा जो राहुल गाँधी के बहुत मुश्किल फैसला होगा क्योंकि वायनाड ने उनका उस समय साथ दिया जब अमेठी ने साथ छोड़ दिया, इसलिए वायनाड को छोड़ना मुश्किल होगा और अमेठी जीतने के बाद उसे छोड़ा तो अमेठी वाले कहेंगे कि हमने दोबारा भरोसा किया तो राहुल ने अमेठी को छोड़कर भरोसे को तोड़ा.
हालाँकि रायबरेली से प्रियंका के लिए कोई ऐसी बात नहीं है फिर भी चुनाव लड़ने के प्रति अभी तक उनकी उदासीनता कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी का बड़ा सबब बनी हुई. अमेठी अगर राहुल नहीं लड़ते है तो कम से कम रायबरेली से तो प्रियंका को उतरना ही पड़ेगा वरना कांग्रेस कार्यकर्ताओं में क्या सन्देश जायेगा। यूपी से गाँधी फैमिली का प्रतिनिधित्व समाप्त होने का मतलब बचा खुचा जनाधार भी ख़त्म। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी गठबंधन के तहत 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन बिना गाँधी फैमिली के प्रतिनिधित्व के चुनाव मैदान में जाने से सारी सीटों पर उसका प्रभाव नज़र आएगा, शायद यही मजबूरी प्रियंका गाँधी को रायबरेली से लड़ने पर मजबूर करेगी। हालाँकि देखना होगा कि अजय राय के दावे में कितना दम है.