Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी सिलक्यारा सुंरग में फंसे 41 मजदूरों के बचाव अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। सुरंग की खुदाई करके पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश में जिस अमेरिकी ऑगर मशीन का एक बड़ा हिस्सा फंस गया था। उसे प्लाज्मा कटर की मदद से बाहर निकाल लिया गया है। इस दौरान अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन की मरम्मत का काम जारी है। बचाव दल में शामिल अधिकारियों ने बताया कि अब आगे का बाकी काम दोपहर 12.30 बजे से शुरू होगा। जिसके बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की उम्मीद है।
ऑगर मशीन के आगे के हिस्से टूटने से खुदाई का काम रुक गया
मजदूरों से दूरी महज 10 से 12 मीटर है। लेकिन शुक्रवार को ऑगर मशीन के आगे के हिस्से के लोहे और क्रंकीट से टकराकर टूटने से खुदाई का काम रुक गया था। इसके बाद सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में रविवार को देर शाम अस्थाई मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग की गई। जिसमें उत्तराखंड सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड और सॉफ्ट को काटने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि पाइप से अब ऑगर मशीन के 8.15 मीटर की ब्लेड और सॉफ्ट के हिस्से को निकालना बाकी है। जिसे बाद में पूरा कर लिया गया है।
भारत सरकार के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव और एनएचआईडीसीएल एमडी महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 19.2 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर हुई है। आगे का काम पूरी तेजी और सावधानी से हो रहा है। देश-विदेश से मशीनों को मंगवाया है। सुरंग में फंसे मजदूरों के जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने की संभावना है।
Uttarakhand Tunnel Collapse में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है।
हादसा सुरंग से महज आधा किलोमीटर दूर
उधर सिलक्यारा सुरंग स्थल के पास रविवार को एक कार और निजी बस के बीच टक्कर की घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दो अधिकारी घायल हो गए। एक पुलिस कर्मचारी ने बताया कि हादसा सुरंग से महज आधा किलोमीटर दूर हुआ। बीआरओ अधिकारी सरकारी गाड़ी से सुरंग के पास जा रहे थे। इसी दौरान हादसा हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि खचाखच भरी बस विपरीत दिशा से आ रही थी। बस ने उसने कार को टक्कर मार दी। घायल अधिकारियों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।