उत्तर प्रदेश के डीजी (लॉ एंड ऑर्डर ) प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, वो आज रिटायर हो रहे पुलिस महानिदेशक विजय कुमार की जगह प्रदेश के पुलिस निज़ाम को संभालेंगे. बता दें कि विजय कुमार भी कार्यवाहक डीजीपी थे. प्रदेश में पुलिस महानिदेशक को लेकर विपक्षी समाजवादी पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर रहती है। बता दें कि लम्बे से यूपी में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक से ही काम चल रहा है.
विजय कुमार से पहले आरके विश्वकर्मा, डीएस चौहान भी कार्यवाहक डीजीपी रहे हैं. इस तरह से चौथे कार्यवाहक महानिदेशक के रूप में प्रशांत कुमार की तैनाती की गई है. यह पहला मौका है जब प्रदेश में लगातार डीजीपी की कुर्सी पर कार्यवाहक अधिकारी तैनात हो रहा है. प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहुत करीबी अफसर माना जाता है. प्रशांत कुमार कुमार वर्तमान में डीजी (लॉ एंड आर्डर) की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं. प्रशांत किमार के नाम 300 से अधिक एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड है, वरिष्ठता में 19वें स्थान पर आते हैं. इसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृपा से उन्हें आईपीएस मुकुल गोयल, आनंद कुमार, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, संदीप सालुंके, रेणुका कुमार, वीके मौर्या, सत्य कुमार साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम तरडे, एमके बशाल, तनुजा श्रीवास्तव, सतीश कुमार माथुर और सुभाष चंद्र से पहले मौका मिला है.
राजनीतिक गलियारों में खबर ये भी है कि आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार जो कुछ महीने के बाद रिटायर हो रहे हैं, प्रशांत कुमार को ही सूबे का डीजीपी बनाया जाएगा. प्रशांत कुमार की तैनाती को लोकसभा चुनाव की नज़र से भी देखा जा रहा है , कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी ने अपने करीबी आईपीएस अधिकारी को इसलिए ज़िम्मेदारी दी है ताकि चुनाव में अगर कहीं मैनेज करने की ज़रुरत पड़े तो उसे आसानी से मैनेज किया जा सके. उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा कि जब कार्यवाहक मुख्य सचिव और कार्यवाहक डीजीपी की देखरेख में लोकसभा का चुनाव होगा.