कर्नाटक में इन दिनों चुनावी माहौल बहुत गर्म है, चुनावी साल होने की वजह से सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के मंत्रियों की बेलगाम ज़बान से कब क्या निकल जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। इस बेलगाम ज़बान से बसवराज बोम्मई सरकार में शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कांग्रेस पार्टी के नेता सिद्धारमैया को टीपू सुल्तान का बेटा तक कह दिया। मंत्री महोदय ने कहा था कि उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? उसी तरह उन्हें भी बाहर कर दिया जाना चाहिए। सिद्धारमैया ने अब भाजपा सरकार के मंत्री के बयान पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से उन्हें पद से हटाने की मांग की है. सिद्धारमैया का आरोप है कि अश्वथ नारायण उन्हें मारने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं.
बाद में मांगी माफ़ी
बता दें कि अश्वथ नारायण ने सिद्धारमैया की 8वीं सदी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान से तुलना की थी। बोम्मई सरकार में शिक्षा मंत्री नारायण ने कहा था कि टीपू का बेटा सिद्धारमैया आएगा, आप क्या चाहते हैं टीपू या सावरकर ? उन्होंने भीड़ से सवाल किया था कि हमें टीपू सुल्तान को कहां भेजना चाहिए? अब जबकि मामला उछल गया है तो शिक्षा मंत्री नारायण ने अपनी सफाई में कहा कि उनका बयान सिद्धारमैया पर निर्देशित नहीं था, उनके बयान का मतलब केवल चुनावी था और कांग्रेस पार्टी को हराने के लिए था. उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात से कांग्रेस विधायक दल के नेता को चोट लगी है तो वह खेद व्यक्त करेंगे।
सिद्धारमैया की चुनौती
सिद्धारमैया ने मंत्री नारायण द्वारा मांड्या में की गई टिप्पणी का विधानसभा में जिक्र करते हुए कहा कि अश्वथ नारायण ने लोगों से अपील की है कि जिस तरह टीपू को मारा गया, उसी तरह उन्हें भी मार डालो। सिद्धरमैया ने अश्वथ नारायण को चुनौती देते हुए कहा कि लोगों को क्यों भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हो? हिम्मत है तो खुद बंदूक लेकर आओ। कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दंगों की तरह अब भी चुप रहेंगे।