कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ने के बाद चल रही अटकलों को आज आधिकारिक विराम लगाते हुए पाटीदार समुदाय के प्रभावी नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया। हार्दिक ने भाजपा के गांधीनगर कार्यालय में संतों और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, इस मौके पर बीजेपी में पाटीदार समुदाय के नेता नितिन पटेल भी मौजूद थे जो कई बार मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए.
हार्दिक ने भाजपा में शामिल होने से पहले आज ट्वीट के ज़रिये अपने नए सफर के आगाज़ के बारे में बताया था, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह उनकी सेना के एक छोटे से सिपाही हैं. हालाँकि यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस मौके पर कम से कम गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ज़रूर मौजूद रहेंगे लेकिन वह मौजूद नहीं थे, एक तरह से हार्दिक पटेल का भाजपा में बड़े फीकेपन से स्वागत किया गया।
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हार्दिक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं आज यहाँ एक मामूली कार्यकर्त्ता के रूप में शामिल हुआ हूँ, कांग्रेस में भी एक आम कार्यकर्त्ता ही था. अब यहाँ पार्टी जो भी ज़िम्मेदारी देगी एक आम कार्यकर्ता के रूप में ही काम करूंगा। हार्दिक ने कहा कि जनहित के लिए मैं हर काम करने को तैयार हूँ. बता दें कि हार्दिक पटेल ने 18 मई को ढेर सारे आरोप लगाकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि राहुल के गुजरात आने पर कांग्रेसी नेताओं को उनके लिए चिकन सैंड विच का प्रबंध करने ज़्यादा चिंता रहती है.
हार्दिक ने कांग्रेस पार्टी पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया था. हार्दिक ने कहा था कि राहुल गाँधी के पास हार्दिक से मिलने के लिए पांच मिनट का भी समय नहीं था. हार्दिक ने कहा था कि आने वाले गुजरात चुनाव में वह एक अहम भूमिका निभाने वाले हैं. हार्दिक पटेल के इस दावे से ऐसा तो लग ही रहा था कि उनकी जोइनिंग अमित शाह के हाथों होगी लेकिन यहाँ तो मुख्यमंत्री भी नज़र नहीं आये, ऐसे में उनके दावे के मुताबिक उनकी भूमिका कितनी अहम् होगी यह देखने की बात होगी।