Purola Mahapanchayat Uttarkashi: पुरोला छावनी में तब्दील है। पुरोला में बाजार बंद हैं और जगह—जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। पुरोला महापंचायत में जाने के लिए व्यापारी और हिंदू संगठनों के लोग अड़ गए हैं। जिला प्रशासन ने पुरोला तहसील इलाके में 14 से 19 जून तक के लिए धारा-144 लगा दी है। पूरा पुरोला शहर छावनी में तब्दील है। एहतियातन पूरी यमुना घाटी में पुलिस बल तैनात है।
महापंचायत को रोकने की कोशिश
महापंचायत में जाने से लोगों को रोकने के लिए प्रशासन ने पुरोला को छावनी में बदल दिया है। पुरोला इलाके में धारा-144 लगा दी गई है। आज बड़कोट, नगरपालिका क्षेत्र और नौगांव में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए हैं। उत्तरकाशी जिले की पूरी सीमाएं सील कर दी गई हैं। पूरे इलाके पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। दूसरी ओर व्यापारियों और हिन्दू संगठनो के लोगों को पुलिस ने नौगांव से एक किमी आगे रोक दिया।
पुरोला कूच की जानकारी मिलने पर एसडीएम बड़कोट जितेंद्र कुमार मय पुलिस फ़ोर्स मौके पर डटे हैं। पुलिस ने सभी को आगे जाने से रोक दिया है। व्यापारी और हिन्दू संगठनों के लोग पुरोला जाने की जिंद पर अड़े हैं। एसडीएम समझाने की कोशिश कर रहे हैं। लोग नारेबाजी कर रहे हैं।
संप्रदाय विशेष के लोगों ने दायर की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सदस्य भी इस मामले में कूद गए हैं। सिविल राइट्स के अधिवक्ता शाहरुख आलम ने पुरोला में हिंदुवादियों की महापंचायत और संप्रदाय विशेष के लोगों को 15 जून तक शहर छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट जाने को कहा है। पीठ ने याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार किया कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट पर विश्वास जताते हुए वहां जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘हाईकोर्ट पर अविश्वास क्यों? किया जा रहा है। ये उनके अधिकार क्षेत्र है।