महंगाई पर काबू पाने की पहल के तहत भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने आखिरी बार फरवरी में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से उन लोगों को निराशा हुई जो होम और कार लोन समेत सभी तरह के लोन की ईएमआई में कटौती का इंतजार कर रहे थे. उन्हें लोन की ईएमआई कम होने के लिए अब फरवरी तक इंतजार करना होगा।
मोनेटरी पालिसी की समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया में बढ़ती महंगाई के कारण महंगाई कम करने में दिक्कत आ रही है. केंद्रीय बैंक लगातार खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने की कोशिश कर रहा है. खाद्य तेल और चावल की कीमतों में कमी से कुछ राहत मिली ज़रूर मिली है लेकिन चीनी की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं।
इसके अलावा आरबीआई ने यूपीआई लेनदेन में बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि शिक्षा संस्थानों और अस्पतालों में यूपीआई के जरिए अब 1 लाख रुपये के बजाय 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे।
MPC मीटिंग की ख़ास बातें
UPI पेमेंट के लिए ऑफलाइन सुविधा लाई जाएगी
MPC के सभी सदस्य रेपो रेट को स्थिर रखने के पक्ष में हैं
6 में से 5 सदस्य उदार रुख वापस लेने के पक्ष में हैं, उनका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है
मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट आई है लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी खतरा बनी हुई है
MPC ने नवंबर और दिसंबर में खाने-पीने की चीजें महंगी होने से महंगाई के मोर्चे पर चिंता जताई
नए लोन नियम लाए जाएंगे और फ्लोटिंग रेट को रीसेट किया जायेगा
बैंकों और कॉरपोरेट्स की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है, विकास दर का अनुमान बढ़ा
चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 5.4 रहने का अनुमान है.
वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी अनुमान 6.5 से बढ़कर 7
विदेशी लोन के जरिए इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए फंड जुटाएंगे
अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ को बेहतर बताया गया है , इसके अलावा खाने-पीने की चीजों में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई दर फिर बढ़ने का खतरा बताया गया है.