सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स को दो घंटे में 2300 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा दिया। बुधवार को शेयर बाज़ार में कल की खबर का बुरा असर पड़ा और शेयर चार प्रतिशत डूब गया. एक ही झटके में वैल्यूएशन 58,650.40 करोड़ रुपए से 56,355.35 करोड़ पर आ गयी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों जारी रखने के लिए फटकार लगाईं और अपने वादे से पीछे हटने के लिए अवमानना नोटिस भेजा। इसी नोटिस की वजह से शेयर बाजार में लिस्टिड पतंजलि फूड्स के शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है.
दरअसल ये मामला कोरोना काल से जुड़ा हुआ जब बाबा रामदेव ने अंग्रेजी दवाओं को बेकार बताते हुए पतंजलि हृदय रोग और अस्थमा जैसी बीमारियों दवाओं का प्रोमोस्तिओं किया था, पतंजलि ने करोनिल नाम की दवा भी लांच की थी और दावा किया था कि अंग्रेजी मेडिसिन की जगह आयुर्वेदिक ज़्यादा लाभकारी है. तब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पतंजलि फ़ूड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उस समय पतंजलि द्वारा भ्रामक दावों के साथ अखबारों में विज्ञापन जारी किये थे. आईएमए ने कोर्ट में सबूत के तौर पर द हिंदू अखबार में पतंजलि का विज्ञापन और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला पेश किया था, इन विज्ञापनों में पतंजलि फूड्स द्वारा योग की मदद से शुगर और अस्थमा को पूरी तरह से ठीक करने का दावा किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को पिछले आदेश का उल्लंघन पाते हुए पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन जारी करने और भ्रामक दावे करने से रोक दिया था। उसी दिन एक नियामक फाइलिंग में पतंजलि फूड्स ने कहा कि भारत की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां पतंजलि फूड्स लिमिटेड से संबंधित नहीं हैं। मगर अब कंपनी के शेयर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नोटिस का असर देखने को मिल रहा है.