भारत के योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरालिंपिक में पुरुषों की F56 डिस्कस थ्रो स्पर्धा में 42.22 मीटर के अपने सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीता है। उन्होंने पैरालिंपिक में लगातार दूसरा रजत पदक जीता है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 42.22 मीटर तक डिस्कस फेंका और तीन साल पहले टोक्यो पैरालिंपिक में जीते गए रजत पदक क्लब में शामिल हो गए। कथुनिया ने इससे पहले टोक्यो पैरालिंपिक में भी इसी स्पर्धा में रजत पदक जीता था। योगेश का पदक पेरिस में भारत का आठवां पदक है।
27 वर्षीय खिलाड़ी ने मौजूदा सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने पहले प्रयास में 42.22 मीटर की दूरी तय की। ब्राजील के क्लॉडिन बतिस्ता डॉस सैंटोस ने अपने पांचवें प्रयास में 46.86 मीटर की दूरी तय करके इन खेलों का नया रिकॉर्ड बनाते हुए पैरालिंपिक में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की।
इससे पहले भारतीय एथलीट निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद (टी47) में रजत पदक जीता है। निषाद ने इस सीजन की अपनी सर्वश्रेष्ठ 2.04 मीटर की छलांग लगाई। इसके साथ ही भारत ने इस पैरालिंपिक में सातवां पदक जीत लिया है। वहीं एथलेटिक्स में भारत का यह तीसरा पदक है। निषाद (24) ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालिंपिक में भी इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। पुरुषों की ऊंची कूद (टी47) में अमेरिका के रोडरिक टाउनसेंड पहले स्थान पर रहे। उन्होंने स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
निषाद ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 खिलाड़ियों के बीच दबदबा बनाया। हालांकि, टाउनसेंड ने 2.12 मीटर का आंकड़ा पार करते हुए सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता। बता दें कि निषाद ने टोक्यो से अपने पदक को और बेहतर करने के लिए पेरिस पैरालिंपिक में हिस्सा लिया था। हालांकि, अमेरिकी एथलीट टाउनसेंड एक बार फिर निषाद के लिए बाधा साबित हुए।