राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं, 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है इसलिए न जीतने वालों के पास जश्न मनाने का समय है और न हारने वालों के पास गम मनाने का और यही वजह कि विपक्ष के गठबंधन INDIA को लेकर सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का जायजा लेने के बाद कांग्रेस की तरफ से इस ओर कदम बढ़ाया गया है और 19 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन दलों को बैठक का प्रस्ताव दिया गया है. इस बात की जानकारी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दी, उन्होंने कहा कि दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक 19 दिसंबर को होगी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की वजह से इंडिया गठबंधन दलों की बैठकों का सिलसिला थम गया था और कई राज्यों में गठबंधन दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर तनाव भी पैदा हो गया था, खासकर समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच. समाजवादी पार्टी ने जहाँ मध्य प्रदेश में 74 उम्मीदवार खड़े किये थे और बुरी तरह नाकाम हुई, उसे कोई कामयाबी नहीं और वोट प्रतिशत भी 70 प्रतिशत गिर गया लेकिन उसे सुकून हुआ कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सरकार नहीं बना पायी। चुनाव बाद अखिलेश ने खुले मंच से इस बात को कहा कि अगर गठबंधन हुआ होता तो हालात दूसरे होते।
वहीँ आम आदमी पार्टी ने तो चार राज्यों में 200 उम्मीदवार खड़े किये थे लेकिन उसे बुरी तरह मुंह की कहानी पड़ी थी. ये दोनों इंडिया गठबंधन के बड़े दल हैं. आम आदमी पार्टी की तो दिल्ली और पंजाब में सरकार भी है. दरअसल राज्यों के चुनाव से पहले ये तय हो गया था जो पार्टी जिस राज्य में मज़बूत हो उसका सहयोगी दल साथ दें. कांग्रेस इन सारे राज्यों में मज़बूत पार्टी थी फिर सपा और आप ने थोक भाव से उम्मीदवार उतारे और इलज़ाम कांग्रेस पर लगाया कि उसने सीट एडजस्टमेंट नहीं किया जबकि इसके बारे में पहले ही तय हो गया था और ये भी कहा गया था कि इंडिया गठबंधन दरअसल लोकसभा चुनाव के लिए है, राज्यों में अगर तालमेल नहीं बनता तो दल पूरी तरह स्वतंत्र हैं. अब जबकि चुनाव ख़त्म हो चूका, सबको पता चल चुका है कि कौन कितने पानी में है, अब देखना है कि इंडिया की बैठकों से क्या निकलकर आता है.