श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बरसात के मौसम में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की छत से पानी टपकने की खबर पर सफाई दी है। चंपत राय ने कहा है कि गर्भगृह में जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां छत से एक भी बूंद पानी नहीं टपका है और न ही कहीं से गर्भगृह में पानी आया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “श्री राम जन्मभूमि मंदिर में बरसात के दौरान छत से पानी टपकने के संबंध में मैं आपके सामने कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं। जिस गर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां छत से एक भी बूंद पानी नहीं टपका है और न ही कहीं से गर्भगृह में पानी आया है। चम्पत राय ने आगे लिखा, गर्भगृह के सामने पूर्व दिशा में एक मंडप है, इसे गूढ़ मंडप कहते हैं, मंदिर की दूसरी मंजिल की छत का काम पूरा होने के बाद एक गुंबद जोड़ा जाएगा और मंडप की छत को बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “आमतौर पर पत्थरों से बने मंदिरों में बिजली की नाली और जंक्शन बॉक्स का काम पत्थर की छत के ऊपर किया जाता है और नाली को छत में छेद करके नीचे लाया जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत को रोशनी मिलती है। ऊपर फर्श बनाने के दौरान इन नाली और जंक्शन बॉक्स को वाटर टाइट बनाया जाता है और सतह में छिपा दिया जाता है। चूंकि पहली मंजिल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग और फ्लोरिंग का काम चल रहा है, इसलिए यही पानी सभी जंक्शन बॉक्स में घुस गया और नाली के सहारे भूतल पर गिर गया।” उन्होंने कहा, “ऊपर से देखने पर ऐसा लग रहा था कि छत से पानी टपक रहा है। जबकि वास्तव में पानी नाली के पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था। उपरोक्त सभी कार्य जल्द ही पूरे हो जाएंगे, पहली मंजिल की फ्लोरिंग पूरी तरह से वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी अंदर नहीं आएगा।”