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हट गया चोकर्स का टैग, अफ़ग़ानिस्तान को मसलकर SA पहली बार फाइनल में

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उम्मीद थी कि साउथ अफ्रीका और अफ़ग़ानिस्तान के बीच आज खेला जाने वाला मैच रोमांचक होगा क्योंकि दोनों ही टीमों के पास इतिहास रचने का मौका था, दोनों ही टीमों के पास ICC विश्व कप के फ़ाइनल में खेलने का मौका था लेकिन क्रिकेट प्रेमियों को उस समय निराशा हाथ लगी जब अफ़ग़ानिस्तान ने साउथ अफ्रीकन गेंदबाज़ों के सामने पूरी तरह खुद को नतमस्तक कर दिया। ये टी 20 विश्व कप के इतिहास का सबसे छोटा सेमीफाइनल रहा जो सिर्फ 20. 4 ओवरों में ख़त्म हो गया. साउथ अफ्रीका के लिए ये ऐतिहासिक दिन रहा क्योंकि पहली बार अपने चोकर्स के टैग को हटाते हुए वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में प्रवेश किया, इससे पहले जब भी साउथ अफ्रीका की टीम नॉक आउट दौर में पहुँचती थी, चोक हो जाती थी मगर आज ऐसा नहीं हुआ बल्कि इस वर्ल्ड कप का उनका ये सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है. इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका का विजय रथ फाइनल के लिए आगे बढ़ गया है, उसने इस विश्व कप में एक भी हार का सामना नहीं किया है. ऐसा लग रहा था कि उसने अपना बेस्ट परफॉरमेंस आज के लिए बचा के रखा था.

टॉस अफ़ग़ानिस्तान ने जीता मगर फैसला बल्लेबाज़ी का किया, उनके हिसाब से फैसला सही भी था, उनकी जीतों में गेंदबाज़ों का ही हाथ रहता है लेकिन गेंदबाज़ों को भी मैच जिताने के लिए बोर्ड पर कुछ टोटल भी चाहिए होता है जो अफ़ग़ानिस्तान के गेंदबाज़ों के पास बिलकुल भी नहीं था क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान के बल्लेबाज़ों ने निहायत ही घटिया बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया और 10.5 ओवरों में मात्र 56 रनों पर ढेर हो गए, सिर्फ एक बल्लेबाज़ दहाई के अंक तक पहुँच सका, ओमरज़ाई 10 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे. पिच गेंदबाज़ों के लिए मददगार थी मगर इतनी भी नहीं कि कोई टीम सिर्फ 56 रनों पर आउट हो जाय, ये अफ़ग़ानिस्तान का टी 20 क्रिकेट में सबसे लोवेस्ट स्कोर भी है. अफ़ग़ानिस्तान के किसी भी बल्लेबाज़ ने विकेट पर रुकने की कोशिश ही नहीं की. बेशक साउथ अफ्रीका के सभी गेंदबाज़ों ने शानदार गेंदबाज़ी की लेकिन उनकी गेंदबाज़ी के आंकड़ों को शानदार बनाने में अफ़ग़ानिस्तान के बल्लेबाज़ों का भरपूर हाथ रहा.

ऐसा लग रहा था जैसे अफ़ग़ानिस्तान की टीम किसी जल्दबाज़ी में है या फिर ये भी कहा जा सकता है कि पहली बार विश्व कप का सेमीफाइनल खेलने का उनपर बहुत दबाव था, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसे हालात में किस तरह की बल्लेबाज़ी की जाती है, किसी भी बल्लेबाज़ ने ये कोशिश नहीं की कि मैच को 20 ओवरों तक ले जाया जाय, जो भी आया, बल्ला चलाया और आउट होकर वापस चला गया. आज के मैच में अफ़ग़ानिस्तान कितना निराश हुआ होगा पता नहीं लेकिन दर्शकों के साथ स्पोंसर्स ज़रूर बहुत निराश हुए होंगे और साथ में ICC भी। मात्र 20 ओवरों में मैच समाप्त होने से उन्हें आर्थिक नुक्सान हुआ होगा। साऊथ अफ्रीका ने अब अपना चोकर्स का टैग नोचकर फेंक दिया है और ये बात फ़ाइनल में पहुँचने वाली दूसरी टीम के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं होगी. दूसरा सेमीफाइनल आज रात भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जायेगा और साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी को देखकर ज़रूर उन्हें चिंता सताएगी। बहरहाल साऊथ अफ्रीका ने जो खेल दिखाया, उसकी प्रशंसा तो बनती है, सबसे बड़ी बात कि चोकर्स के टैग की बड़ी बाधा पार कर ली.

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