टेक्सास के डलास में भारतीय अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की। जून में लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के बाद से यह गांधी का भारतीय प्रवासियों के साथ पहला संवाद था।
राहुल गांधी ने समावेशिता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह ही, हम मानते हैं कि सभी को भाग लेने, सपने देखने और स्थान दिए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए, चाहे उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास कुछ भी हो।”
उन्होंने अपने मिशन को भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता के मूल्यों को शामिल करने के रूप में वर्णित किया। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव पर राहुल गांधी ने विचार करते हुए कहा कि बहुमत प्राप्त न कर पाने वाली भाजपा की हार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के डर को कम कर दिया है। उन्होंने कहा, कि लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद भारत में अब कोई भी प्रधानमंत्री मोदी या बीजेपी से नहीं डरता। राहुल ने संविधान के विरुद्ध मोदी सरकार के कामो की आलोचना करते हुए कहा कि संविधान पर हमले को देश के लोग स्वीकार नहीं करेंगे
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि भारत के लिए कांग्रेस के दृष्टिकोण में सभी पृष्ठभूमि से भागीदारी शामिल है, संवैधानिक मूल्यों और भारत की विविध परंपराओं की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। गांधी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक सेतु के रूप में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी ध्यान दिया और कहा, “आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन दोनों संघों के बीच संबंध दोनों देशों के भविष्य का निर्धारण करेंगे।”
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी पास एक ऐसा विजन है जो बीजेपी द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके प्रचारित कर बनाई जाने वाली इमेज से बिलकुल अलग है। वह कोई पप्पू नहीं , काफी पढ़े-लिखे, हर विषय पर गहरी सोच रखने वाले स्ट्रेटजिस्ट हैं जिन्हें कभी-कभी समझना बहुत आसान नहीं होता।