बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने अब भाजपा के प्रचार अभियानों पर खर्च किये जा रहे पैसे को लेकर हमला बोला है, नितीश ने बिना किसी पार्टी या नेता का नाम लिए बिना कहा कि पता नहीं इन लोगों के पास अपने प्रचार में खर्च करने के लिए इतना पैसा कहाँ से आता है. इसी के साथ नितीश ने यह भी कहा कि वो काम करने में विशवास रखते हैं उसका प्रचार करने में नहीं। नितीश ने इसके साथ ही भाजपा पर ख़बरों को नियंत्रित करने का आरोप भी लगाया। नितीश के मुताबिक इसी पैसे के दम पर वो दूसरों की ख़बरों को प्रकाशित होने से रोक लेते हैं. नितीश ने कहा कि सच बात तो ये हैं कि उनके पास बेकार के कामों के लिए पैसा नहीं है.
दरअसल बिहार में अलगाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर मोदी सरकार के लिए लगातार तल्ख होते जा रहे हैं और वो केंद्र सरकार को निशाना बनाने का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई मौका नहीं चूकते हैं। पिछले कुछ दिनों की बात करें तो नितीश कुमार मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की धुरी बनने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, इस सिलसिले में वो विपक्षी पार्टियों के नेताओं से लगातार मुलाकातें कर रहे हैं, नाम तो विपक्ष को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का है लेकिन कहीं इस बात का अंदाज़ा लगाने की भी कोशिश हो रही है कि पीएम मोदी का विकल्प बनने का अगर उन्हें वाकई मौका मिले तो सफलता के कितने चांस हैं.
नितीश कुमार भाजपा पर हमला करने में अटल और आडवाणी युग का भी ज़िक्र करना नहीं भूलते, इस बहाने वो भाजपा से अलग NDA की मौजूदा पार्टियों को दोनों दौर का अंतर बताने की कोशिश करते हैं, वो बताते हैं कि पहले NDA अपनी बातें रखने की जो आज़ादी थी वो अब ख़त्म हो गयी है. नीतीश कुमार तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के साथ मिलकर ‘भाजपा मुक्त भारत’ का नारा बुलंद रहे हैं और कभी कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वालों का साथ निभाने वाले नितीश कुमार की यह सरगर्मी 2024 के आम चुनाव में भाजपा को घेरने के लिए सियासी पेशबंदी बताई जा रही है।