Delhi High Court आज शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने दिल्ली हाईकोर्ट से अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आतंकी फंडिंग मामले में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वह इस समय दिल्ली की तिहाड जेल में सजा काट रहा है।
JKLF प्रमुख और अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। आज शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली हाईकोर्ट से अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की है। यासीन को आतंकी फंडिंग मामले में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
आज शुक्रवार को एनआईए ने अपनी याचिका दाखिल की। जिस पर अब जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ के सामने 29 मई को सुनवाई होनी है। बता दें कि कोर्ट ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन को (UAPA) और IPC के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
उसके बाद से यासीन मलिक जेल में बंद है। यासीन मलिक कई बार रिहाई की गुहार लगा चुका है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक के पाकिस्तानी आतंकी संगठनों और आईएसआई से संबंध रहे हैं।
पहले भी NIA कर चुकी है फांसी देने की मांग
अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ साल 2017 में एनआईए ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया था। इसके बाद से पटियाला कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही थी। कोर्ट में एनआईए ने सभी सबूत पेश किए हैं। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। यासीन मलिक जम्मू काश्मीर में बैठकर उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था।
NIA ने पेश किए यासीन के खिलाफ पुख्ता सबूत
एनआईए ने यासीन पर लगे सभी आरोप के लिए पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश किए है। इसके बाद यासीन मलिक को अपने गुनाह कबूल करने पड़े थे। साल 2022 में 19 मई को कोर्ट ने यासीन को दोषी ठहराया था। 25 मई को यासीन मलिक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस दौरान भी एनआईए ने कोर्ट से यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग थी।