Rs2000 Note Exchange: 2000 रुपए की नोट बदली का असर बाजार में दिखाई देने लगा है। छोटे दुकानदारों ने 2000 रुपए का नोट लेने से साफ मना कर दिया है। दुकानदारों ने शर्त रखी है कि अगर समान खरीदने के लिए 2000 रुपए का नोट लेकर आए तो 1500 रुपए का सामान खरीदना होगा। तभी 2000 रुपए का नोट लिया जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि दो हजार रुपए का लेनदेन पहले से बहुत ज्यादा चलन में नहीं था। यही कारण है कि इसके बंद होने से बाजार में कोई असर दिखाई नहीं दिखाई देगा।
शांति से बीता नोट बदली का पहला दिन
आज मंगलवार को दो हजार रुपए के नोट बदली का पहला दिन बैंकों में शांति से बीता। आज पहले दिन लोग बैंकों में अपना 2000 रुपए का नोट जमाकर पांच सौ और सौ रुपए के नोट में बदलते दिखाई दिए। अधिकांश बैंकों ने नोट बदलने के लिए अलग से काउंटर बनाए हुए हैं। बैंक टोकन बांटकर लोगों की भीड़ संभालते दिखाई पड़े।
नोट बदलने में लोगों को कोई परेशानी नहीं दिखी। लोगों को खाते में पैसा जमा करने पर कोई परेशानी नहीं हुई। जबकि बिना खाते के नोट बदलने वालों को फॉर्म भरना पड़ा और आधार कार्ड की ऑरिजिनल कॉपी दिखानी पड़ी। लेकिन इस निर्णय का छोटे व्यापारियों और ग्राहकों पर कोई असर दिखाई नहीं दिखा।
बड़े व्यापारिक संस्थाओं की लेनदेन बैंकिंग के माध्यम से होने के कारण उन्हें भी कोई नुकसान होता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है। डिजिटल लेनदेन के बहुत ज्यादा चलन ने भी लोगों को नोटबंदी की मार से बचाया है। हालांकि, जिन सेक्टर में नकदी से लेनदेन किया जाता है, वहां इसका आंशिक असर दिखाई पड़ रहा है।
नोटबंदी से प्रभावित नहीं
व्यापारियों का कहना है कि 2000 रुपए का बाजार में लेनदेन पहले से बहुत अधिक नहीं था। यही कारण है कि इसके बंद होने से बाजार में कोई असर दिखाई नहीं दिया है। छोटे दुकानदार और सामान्य ग्राहकों की लेनदेन इससे कम मूल्य की होती है और उनका व्यापारिक लेन देन 2000 रूपए की ‘नोटबंदी’ से प्रभावित नहीं है।
डिजिटल लेनदेन
कैश लेनदेन के सेक्टर प्रभावित
संस्थागत औद्योगिक सेक्टर में 2000 के नोटबंदी का कोई प्रभाव नहीं है क्योकि इनका अधिकांश लेनदेन बैंकों के जरिए होता है। छोटे व्यापारी भी इससे प्रभावित नहीं हैं। लेकिन प्रॉपर्टी और कृषि जैसे सेक्टर जहां बड़ा लेनदेन कैश के जरिए होता है, वहां लोगों को परेशानी हो रही है।