BALCO: सरकार बाल्को इंडिया में अपनी बची 49 फीसदी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार कंपनी के शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना तैयार कर रही है। सरकार के इस फैसले में मध्यस्थता विवाद रोड़ा बना हुआ है। इसके लिए सरकार बाल्को प्रमोटर वेदांता समूह के साथ बातचीत के प्रयास में हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) सचिव तुहिन कांत ने जानकारी देते हुए बताया है।
लिस्टिंग के लिए विवाद खत्म होना जरूरी
तुहिन कांत ने कहा कि वेदांता लिमिटेड के साथ शुरुआती बातचीत हुइ। बाल्को प्रमोटर वेदांता समूह ने 2009 में सरकार के खिलाफ मध्यस्थता कानून के तहत मुकदमा किया था। अब सरकार वेदांता लिमिटेड के साथ बातचीत कर मध्यस्थता विवाद को खत्म करने की कोशिश में है। तुहिन कांत ने बताया कि अगर कंपनी का शेयर लिस्टिंग करनना है तो इसके लिए मध्यस्थता विवाद को वापस लेना जरूरी होगा।
ये था विवाद का कारण
केंद्र सरकार ने 2001 में सरकारी कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी स्टर्लाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेची थी। स्टर्लाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड वेदांता ग्रुप की कंपनी है। सौदा 551 करोड़ रुपए में तय हुआ था। सौदे के तहत एक शेयरहोल्ड समझौता हुआ था। जिसके तहत स्टर्लाइट को साल 2004 तक बाकी 49 फीसद की हिस्सेदारी के अधिग्रहण का अधिकार दे दिया गया था। इसके तहत वेदांता ग्रुप ने 2004 में बाल्को की हिस्सेदारी को खरीदने के लिए 1099 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था। हालांकि सरकार ने हिस्सेदारी बेचने से मना कर दिया था।
कैग की रिपोर्ट में इस सौदे की कीमत अधिक बताई गई थी। सरकार के सौदे करने से मना करने के चलते वेदांता ग्रुप ने सरकार के खिलाफ मध्यस्थता विवाद वाद दायर कर दिया था। था। सरकार स्टॉक बाजार के जरिए बाल्को में अपनी बची हुई 49 प्रतिशत भागीदारी का कुछ हिस्सा बेचना चाहती है। जिससे कि कंपनी कीमत का मूल्यांकन हो सके।