नई दिल्ली। केद्र की मोदी सरकार एक और सरकारी कंपनी को बेचने की पूरी तैयारी कर चुकी है। कंपनी सरकार के विनिवेश लक्ष्य का हिस्सा है। सरकार को इस कंपनी में इक्विटी सेल से करीब 6,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इस नीलामी के साथ ही सरकार इस कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल प्राइवेट हाथों में दे देगी।
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए बिड्स की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि सरकार अगले महीने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया SCI के लिए फाइनेंशियल बिड्स मंगवा सकती है। कंपनी की इक्विटी खरीदने में कई कॉरपोरेट्स ने रुचि दिखाई है और 4 बड़ी कंपनियां अपनी बिड अगले महीने ही सरकार को सौंप सकती हैं।
ये 4 कंपनियां लगा सकती हैं बोलियां
उम्मीद की जा रही है कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को खरीदने के लिए वेदांता रिसोर्सेस, सेफ सी सर्विसेस, जेएम बैक्सी और मेघा इंजीनियरिंग शामिल हैं। हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर ना तो इन कंपनियों की ओर से कुछ कहा गया है और ना ही वित्त मंत्रालय ने इसकी डिटेल्स दी हैं।
शिपिंग कॉरपोरेशन के पास है खूब संपत्ति
शिपिंग कॉरपोरेशन के विनिवेश की प्रक्रिया में तेजी आई है। इसकी वजह कंपनी की नॉन-कोर एसेट्स को मूल कंपनी से अलग करके एक अलग कंपनी बना देना है। शिपिंग कॉरपोरेशन के पास दक्षिण मुंबई में शिपिंग हाउस, पवई में एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और अन्य संपत्तियां हैं।
कंपनी के विनिवेश के तहत इन संपत्तियों की बिक्री सरकार नहीं करने जा रही है, बल्कि इन्हें एक अलग कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड को सौंप दिया गया है। पहले सरकार शिपिंग बिजनेस को बेचेगी, उसके बाद इन संपत्तियों पर विचार करेगी।
सरकार बेचेगी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी
सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचेगी। इसी के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल भी प्राइवेट कंपनी को ट्रांसफर हो जाएगा। कंपनी के बाकी बचे शेयर्स को स्टॉक मार्केट में लिस्ट कराया जाएगा।