Jamiat Ulama e Hind: जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरशद मदनी ने आज बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा आज फलस्तीन की जनता के साथ खड़ी है। जमीयत उलमा-ए-हिंद फलस्तीन में आजादी के लिए हो रहे कुर्बान लोगों की हिफाजत की दुआ कर रही है।
फलस्तीन पर हो रहे इस्राइली हमलों की कड़ी निंदा की
मौलाना मदनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वर्ल्ड मुस्लिम लीग और अन्य संगठनों से आह्वान किया कि वह इसमें तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप कर वहां शांति स्थापना के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड मुस्लिम लीग के सदस्य मौलाना सैयद अरशद मदनी ने आज फलस्तीन पर हो रहे इस्राइली हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इस्राइल आक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका संगठन फलस्तीन और वहां की जनता के अधिकारों के लिए उनके साथ खड़ा है।
आज रविवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि फलस्तीन की जनता अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए लड़ रही है और अपनी कुर्बानी दे रही है। जबकि इस्राइल लगातार वहां की जनता पर कहर बरपा रहा है। जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
मौलाना मदनी ने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि दुनिया में मानवाधिकारों का ढिंढोरा पीटने व एकता और शांति की बात करने वाले तमाम संगठन आज फलस्तीन के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
मौलाना मदनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वर्ल्ड मुस्लिम लीग और अन्य संगठनों से आह्वान किया कि वह इसमें तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप कर वहां शांति स्थापना के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हिंदुस्तान ने हमेशा शांति की स्थापना के लिए फलस्तीनी नागरिकों के अधिकारों की बात की है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरु, रफी अहमद किदवई, अटल बिहारी वाजपेयी और मौलाना अबुलकलाम आजाद ने हमेशा फलस्तीन और वहां के नागरिकों का समर्थन किया है तो आज इस मामले में भारत शांत क्यों है।