अभी कल ही लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में NDA गठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल हुआ और आज उसके एक घटक दल के नेता ने जो केंद्र में मंत्री भी हैं, इस्तीफ़ा देकर बिहार की राजनीती में हलचल पैदा कर दी है. सीटों के बंटवारे से नाराज़ लोजपा के पशुपति पारस ने भाजपा पर नाइंसाफी का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. सीटों के बंटवारे में लोजपा को एक भी सीट नहीं मिली है.
पशुपति पारस ने अपने इस्तीफे का एलान एक पत्रकार वार्ता में किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल उन्होंने राजग की पूरी ईमानदारी से सेवा की लेकिन मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी की गयी है और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देता हूँ. हालाँकि उन्होंने अभी अपने अगले कदम के बारे में कुछ खुलासा नहीं किया। वैसे राजद ने उन्हें पहले ही इंडिया गठबंधन में आने का ऑफर दिया है और तीन लोकसभा सीटों का ऑफर भी किया है। लोजपा और भाजपा के बीच पिछले कुछ समय से तालमेल नहीं बैठ रहा था. भाजपा ने इसबार चिराग पासवान के साथ जाना चाह रही थी, कल सीटों के बंटवारे के बाद स्पष्ट हो गया कि भाजपा को इस बार पशुपति पारस की जगह चिराग़ पासवान में मौका नज़र आ रहा है।
सीटों के बंटवारे की इस प्रक्रिया में कुछ दिन पहले ये खबर आयी थी कि अमित शाह ने चिराग और पशुपति के बीच समझौता करा दिया है. इस समझोते के हिसाब से पशुपति पारस को राज्यपाल बनाने की बात कही गयी है और लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान के साथ जाने का फैसला किया गया है। पशुपति पारस किसी भी हाल में अपने राजनीतिक कैरियर को ख़त्म करना नहीं चाहते। हालाँकि उन्हें पूरा भरोसा था कि भाजपा अंत में उन्हें एडजस्ट करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अपना राजनीतिक कैरियर बचाने के लिए उन्हें NDA का साथ छोड़ना पड़ा। अब देखना है कि उनका अगला कदम क्या होगा? क्या वो राजद का ऑफर स्वीकार करेंगे।