नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने आज रविवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ये मिसाइल ध्वनि की तीन गुना रफ्तार से दुश्मन के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। ब्रह्मोस युद्धपोत मिसाइल का परीक्षण अरब सागर में किया गया।
ब्रह्मोस मिसाइल में स्वदेशी सीकर एंड बूस्टर
नौसेना के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल में लगे स्वदेशी सीकर एंड बूस्टर को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन DRDO ने बनाया है। जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ऐसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन कर रही हैं। जिन्हें पनडुब्बी, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों या फिर जमीन से लांच किया जा सकेंगा। ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड 2.8 मैक है। जो ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना है।
भारत कर रहा ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल युद्धपोत रोधी संस्करण का इससे पहले सफल परीक्षण अप्रैल 2022 में किया था। भारत ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात करता है। जून 2022 में भारत ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों की आपूर्ति का 37.5 करोड़ अमेरिकी डालर का सौदा किया था।