नई दिल्ली। 26 जनवरी 2023 पर बीएसएफ के सात जवानों को ‘पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री’ यानी ‘वीरता का पुलिस पदक‘ सम्मान की घोषणा की है। ये सभी जवान बीएसएफ की 59वीं बटालियन के हैं।
इस बहादुरी का मिला इनाम
नवंबर 2020 में ये सभी जवान, 120 इन्फैंट्री ब्रिगेड ‘आर्मी ऑप्स कंट्रोल’ के तहत बंप कॉम्प्लेक्स ‘एलसी’ के एफडीएल हजूरा में तैनात थे। 30 नवंबर, 2020 को बीएसएफ बटालियन की घातक टीम, को आतंकियों के प्रत्याशित प्रवेश मार्ग पर तैनात किया गया।
टीम का नेतृत्व सब-इंस्पेक्टर (जीडी) पाओटिनसैट गुइटे कर रहे थे। आतंकियों की घुसपैठ रोकने को शुरू बड़ी कार्रवाई में पाओटिनसैट गुइटे शहीद हो गए थे। उन्होंने अपना बलिदान देते हुए एक बड़े नुकसान को टाल दिया था। गुइटे की बहादुरी पर उन्हें कीर्ति चक्र प्रदान किया था। इस कार्रवाई में बीएसएफ टीम ने हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को मार गिराया था।
पाकिस्तान की ओर से हुआ घुसपैठ का प्रयास
1 दिसंबर 2020 को बीएसएफ टीम ड्यूटी पर थी। तभी दमयकुश नाले की ओर से टीम पर गोलीबारी की गई। सब-इंस्पेक्टर पाओटिनसैट गुइटे, उस इलाके की परिस्थिति और दुश्मन की रणनीति से परिचित थे। उन्होंने युद्ध बहादुरी और साहस की भावना का प्रदर्शन करते हुए स्थिति पर नियंत्रण किया। फायरिंग के बीच उन्होंने अपनी टीम को पॉजिशन लेने के लिए कहा। उन्होंने बेहतरीन समन्वय के साथ आतंकियों का मुकाबला किया।
फायरिंग के दौरान एक आतंकी की गोली सब-इंस्पेक्टर पाओटिनसैट गुइटे के को लगी। घायल होने के बावजूद भी गुइटे ने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। उन्होंने आतंकी पर तब तक गोलीबारी की, जब तक कि वह नीचे नहीं गिर गया। दिवंगत एसआई गुइटे की पार्टी ने मोर्चा संभाला। सभी जवान, गुइटे की रणनीति पर आगे बढ़े। आतंकवादियों ने बम्प परिसर में घुसकर ऑप्स लिंक को ध्वस्त करने की योजना बनाई। बीएसएफ टीम की कार्रवाई के चलते तीनों आतंकी मौके पर ढेर हो गए।