प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन किया जिसके साथ ही पुराना राजपथ अब कर्तव्य पथ बन गया है. इससे पहले उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रतिमा का भी अनावरण किया. इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि गुलामी का प्रतीक राजपथ अब सदैव के लिए मिट गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुज़रा हुआ कल पीछे छूट चूका है, आज हर तरफ देश में एक नई आभा नज़र आ रही है, देश को एक नई प्रेरणा और नई ऊर्जा मिल रही है।
इससे पहले इंडिया गेट के नज़दीक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति का आवरण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग़ुलाम भारत के समय यहां पर ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की मूर्ती लगी हुई थी लेकिन आज उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर दी है. प्रधानमंत्री ने सुभाषचंद्र बोस को महामानव बताते हुए कहा कि वो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे. पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था, उनकी स्वीकार्यता ही ऐसी थी. उनके पास दृष्टि थी, विचार थे, नीतियां थीं और नेतृत्व क्षमता थी. उन्होंने कहा कि लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद इस महानायक को भुला दिया गया.
बता दें कि एक दिन पहले ही नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने राजपथ का ‘कर्तव्य पथ’ के रूप में नए नामकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. मालूम हो कि राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का रास्ता है, इसकी लंबाई 3.20 किलोमीटर है. इसी राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड निकलती है. इस सड़क के दोनों तरफ लॉन और हरियाली है, पैदल चलने वालों के लिए खूसूरत पैदल पथ कर्तव्य पथ की भव्यता को और बढ़ा देता है.