‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया। उन्होंने पडोसी देश का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंक का समर्थन करते हैं, ऐसे देशों को अलग-थलग करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा आतंकवादियों से लड़ना और आतंकवाद से लड़ना दो अलग बातें हैं क्योंकि आतंकवादियों को हथियारों से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन आतंकवाद को खत्म करने के लिए सिर्फ हथियार काफी नहीं होते।
आतंकवाद से निपटने के लिए भारत हमेशा दृढ़ रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का दंश भारत ने झेला है, हमने बहुत सी जानों को गंवाया है.प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की फंडिंग और भर्ती के लिए नई तरह की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। कई बार वित्तीय अपराधों के द्वारा भी आतंकी फंडिंग होती है। ऐसे माहौल में UNSC और FATF आतंकवाद रोकने के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम क्या तब तक इंतजार करें जब तक कि आतंक हमारे पास न आ जाए। आतंकवाद से निपटने के लिए भारत हमेशा दृढ़ रहा है।
सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान भाग नहीं ले रहे हैं
बता दें कि पीएम मोदी तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में आज शामिल हुए। यह दो दिवसीय सम्मलेन दिल्ली में कल यानि 19 नवंबर तक चलेगा। इससे पहले इसका आयोजन फ्रांस के शहर पेरिस में अप्रैल 2018 में और ऑस्ट्रेलिया के शहर मेलबोर्न में नवंबर 2019 में किया जा चुका है। दिल्ली में आयोजित इस सम्मलेन में दुनिया भर के लगभग 78 देशों के 450 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान भाग नहीं ले रहे हैं। इस सम्मेलन का मकसद टेरर फंडिंग का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बीच हुई चर्चा को आगे बढ़ाना है।