नई दिल्ली। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे समय पर पूरा होगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और देहरादून के अलावा पश्चिमी उप्र और हरियाणा के शहरों के लोगों को भी लाभ होगा। इसके बनने से आवागमन में काफी आसानी होगी। एक्सप्रेसवे में कई जगह इंटरचेंज बनाने का काम चल रहा है। जिससे एक्सप्रेसवे का लाभ रास्ते में पड़ने वाले अन्य शहरों को मिल सके। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेसवे की प्रगति के बारे में जानकारी दी। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किमी है। एक्सप्रेसवे बनने के बाद हरिद्वार,मुजफ्फरनगर, शामली हरियाणा के यमुनानगर, सहारनपुर, मेरठ, बागपत के निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी। एक्सप्रेसवे पर चढ़ने उतरने के लिए इंटरचेंज बनाने का काम जोरों पर है। सड़क परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह एक्सप्रेसवे समय पर पूरा हो जाएगा।
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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक एक्सप्रेसवे से वाहन चालकों का समय बचेगा । अभी जितना समय लगता है। उससे आधे से कम समय लो दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे। अभी दिल्ली से देहरादून छह घंटे में और दिल्ली से हरिद्वार तक पहुंचने में समय पांच घंटे लगता है। एक्सप्रेसवे बनने के बाद यही समय दो घंटे और 2ः30 घंटे का रह जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इसका आखिरी 20 किमी का हिस्सा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरेगा। जहां एशिया का सबसे लंबा ऊंचा वन्यजीव गलियारा निर्मित किया जा रहा है। जिसमें 340 मीटर दात काली सुरंग है। जिसका काम पूरा करा लिया गया है। यह एक्सप्रेस वे छह लेन का होगा और इस हाईवे को दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं में बनना है। जो भारतमाला परियोजना का हिस्सा है। एक्सप्रेसवे से हरिद्वार को कनेक्ट करने के लिए छह लेन रोड के निर्माण भी किया जाएगा। इस छह लेन एक्सप्रेसवे पर 25 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क होगी। इसमें कुल 14 सुरंगे बनेंगी। एक्सप्रेसवे डिज़ाइन इस तरह किया गया है कि यहां वाहनों की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहे।