नई दिल्ली। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के बैंकों को आगाह किया कि इस समय सतर्कता बरते। बैंकों की संपत्ति और देनदारी में किसी तरह की असमानता या गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दोनों में गड़बड़ी वित्तीय स्थिरता के लिए नुकसानदायक है। अमेरिक में दो बैंकों में ताले लटकने के बाद से बैंकिंग संकट के बीच आरबीआई गवर्नर का बयान महत्वपूर्ण है।
कोच्चि में फेडरल बैंक कार्यक्रम में हुए शामिल
गवर्नर कोच्चि में फेडरल बैंक के संस्थापक केपी होर्मिस के स्मारक व्याख्यान में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने यह आश्वासन दिया कि घरेलू वित्तीय क्षेत्र स्थिर है और मुद्रास्फीति का सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि विनिमय दरों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर की अत्यधिक वृद्धि और राष्ट्रों की विदेशी ऋण भुगतान क्षमता पर इसके प्रभाव के बावजूद हम बेहतर स्थिति में है।
हमें डरने की जरूरत नहीं
दास ने कहा, “हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारा विदेशी ऋण प्रबंधनीय (नियंत्रण में) है और इसलिए ग्रीनबैक की वृद्धि हमारे लिए कोई समस्या पैदा नहीं करती है।”
गवर्नर ने अपने वक्तव्य के दौरान अधिकांश समय भारत की जी-20 अध्यक्षता पर केंद्रित रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ओर से डॉलर में वृद्धि के कारण उच्च विदेशी ऋण का जोखिम झेलने वाले देशों की मदद करने के लिए अधिक समन्वित प्रयासों का आह्वान किया।