नई दिल्ली। कांग्रेस के इतिहास में दूसरी बार किसी दलित को संगठन की कमान मिली है। खरगे पहले ऐसे दक्षिण भारतीय दलित हैं जिनके हाथ कांग्रेस की कमान होगी। इससे पहले 1970 में बाबू जगजीवन राम कांग्रेस के पहले दलित अध्यक्ष बनाए गए थे। सवाल है कि क्या नए अध्यक्ष खरगे संगठन को पूरी तरह से साधने का काम कर पाएंगे। नए अध्यक्ष खरगे के सामने आने वाले दिनों में काफी चुनौतियां होगी। सबसे बड़ी चुनौती खरगे को 2024 में मिलेगी। जिसमें देश में आम चुनाव होने हैं। उससे पहले कांग्रेस संगठन को ठोक बजाकर ठीक करना होगा। जो कि काफी मुश्किल भरा काम होगा।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने बताया कि महात्मा गांधी ने आज़ादी के बाद इच्छा जताई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष कोई दलित हो। हालांकि, उस समय ऐसा नहीं हो सका। आजादी के करीब दो दशक बाद ही कांग्रेस के अध्यक्ष बाबू जगजीवन राम बने जो पहले कांग्रेस दलित अध्यक्ष थे। 1970 के बाद से अब कांग्रेस को फिर से एक दलित अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस दावा कर सकती है कि उसने ऐसा करके महात्मा गांधी का सपना पूरा किया। जन्मजात कांग्रेसी जमीनी स्तर से उठकर कांग्रेस के अध्यक्ष जिन्होंने गुलबर्ग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से शुरुआत की आज राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का बड़ा एवं अनुभवी चेहरा अनुसूचित जाति से आते हैं। यह संपूर्ण भारत वर्ष के दलित समाज के लिए भी गर्व का विषय है।