कर्नाटक में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने एकबार फिर कहा कि वो चुनावी राजनीती में वापस नहीं लौटेंगे हालाँकि उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि उन्होंने राजनीती से संन्यास नहीं लिया है, वो भाजपा के लिए प्रचार करते रहेंगे। येदियुरप्पा ने यह बात भी स्पष्ट कि चुनावी राजनीती से संन्यास का फैसला उनका अपना है, उन्हें इसके लिए किसी ने नहीं कहा और न ही उनपर किसी का कोई दबाव है, उन्हें इसके लिए किसी ने मजबूर नहीं किया .
नहीं बदलेगा फैसला
भाजपा नेता ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि वो कर्नाटक राज्य का दौरा कर लोगों को यह समझायेंगे कि उन्होंने किस वजह से चुनावी राजनीती से हटने का फैसला किया। लिंगायत समाज के सबसे प्रभावशाली नेता माने जाने वाले बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्ज़ी से बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. चुनावी राजनीति में अपनी अनुपस्थिति को भाजपा के लिए एक चुनौती बताते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें मालूम है कि पार्टी को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन वो चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे.
येदियुरप्पा के नाम पर वोट मांग रहे हैं अमित शाह
बता दें कि कर्नाटक की चुनावी सभाओं में भाजपा के चाणक्य अमित शाह लोगों लगातार यह अपील करते हैं कि येदियुरप्पा के हाथों को मज़बूत बनाइये। उनके भाषण के केंद्र बिंदु में या तो कांग्रेस सरकारों की नाकामियां रहती हैं या फिर येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकारों की उपलब्धियां। उनके भाषणों में मुख्यमंत्री बोम्मई का ज़्यादा ज़िक्र नहीं होता. कर्नाटक की राजनीति में येदियुरप्पा की क्या अहमियत है यह बात दिल्ली में बैठे भाजपा के नेता अच्छी तरह जानते हैं.