यूपी सरकार की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी की मौत जहर से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। मामले की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के अनुसार, माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत मार्च में जेल में हुई थी। उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उनकी मौत धीमी गति से जहर देने से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।
सोमवार को यहां सूत्रों ने बताया कि बांदा जिला प्रशासन ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है। मजिस्ट्रेट जांच बांदा एडीएम वित्त राजेश कुमार ने की थी। रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान जिन लोगों ने दावा किया था कि मुख्तार की मौत जहर के कारण हुई, वे बयान या साक्ष्य देने के लिए आगे नहीं आए। मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट छह सितंबर को शासन को भेजी गई थी। इससे पहले पोस्टमार्टम और विसरा जांच रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी। इससे अब यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्तार अंसारी की मौत का कारण दिल का दौरा था।
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेल में उसे जहर दिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि होने के बाद विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। 20 अप्रैल को विसरा रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन परिजनों के आरोप के बाद शासन के आदेश पर मौत का कारण जानने के लिए मजिस्ट्रेटी और न्यायिक जांच बैठा दी गई थी। करीब पांच महीने तक चली जांच में जेल अधिकारी, कर्मचारी, मुख्तार का इलाज करने वाले जिला अस्पताल के डॉक्टर, भर्ती करने वाले मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, कर्मचारी और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर समेत 100 लोगों के बयान लिए गए थे। पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट, जेल के सीसीटीवी फुटेज, बैरक निरीक्षण और खाद्य निरीक्षण रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया था।