अमित बिश्नोई
तो मोदी जी को लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी जीत और 400 पार का ट्रिगर पॉइंट मिल ही गया. अमूमन इसमें थोड़ा समय लगता है मगर इस बार उनकी चुनावी मुहिम शुरू होते ही उस बिहार से ये ट्रिगर मिला जहाँ से बकौल राहुल गाँधी देश में हर बदलाव का तूफ़ान उठता है जो देश की राजनीति की नर्व है। हमारी थोड़ी शेयर बाजार में दिलचस्पी है और ट्रिगर पॉइंट हमने वहीँ पर सुना। शेयर बाजार में ट्रिगर पॉइंट का ज़िक्र अक्सर उस जगह होता है जहाँ कोई शेयर अपनी ऊंचाई पर होता है और उसे और ऊपर जाने के लिए किसी ट्रिगर पॉइंट की ज़रुरत होती जो उस शेयर को और ऊपर ले जा सके. मोदी जी की भाजपा को 400 तक पहुंचना है तो उसे ऐसे ही ट्रिगर की ज़रुरत है जो एक दिन पहले पटना के गाँधी मैदान पर उसे लालू यादव ने दिया।
आप सोच रहे होंगे कि मैंने मोदी जी की भाजपा क्यों कहा. तो वो इसलिए कि मोदी जी अब भाजपा से बड़े हो चुके हैं तभी तो भाजपा की गारंटी की जगह अब मोदी की गारंटी दी जाने लगी है, आगे आगे देखिये होता है क्या? खैर बात ट्रिगर की तो आज भाजपा के सभी आला से अदना, हर किसी का एक्स अकाउंट सर्च कीजिये तो वहां पर आपको “मोदी का परिवार” मिलेगा। लालू यादव ने सिर्फ इतना पूछा कि तुम परिवारवाद परिवारवाद कहते हो तो तुमने परिवार क्यों नहीं पैदा किया, मतलब बच्चे क्यों नहीं पैदा किये। बात बड़ी कड़वी थी, सभी भाजपाइयों के दिल पर लग गयी. लालू को गाली कोसने शुरू हो गए मगर अभी तक कुछ ऐसा नहीं हुआ जो ट्रिगर पॉइंट बनता। जैसा कि अंदाजा था कि लालू ने जो बोला है उसे “चाय वाले” की तरह इस्तेमाल तो ज़रूर किया जायेगा। और लोगों ने जो सोचा था उसमें ज़्यादा देर भी नहीं लगी. तेलंगाना के आदिलाबाद में प्रधानमंत्री मोदी ने परिवार का ज़िक्र करके ट्रिगर पॉइंट की घोषणा कर दी. मोदी जी ने जैसे ही घोषणा की देश की 140 करोड़ जनता उनका परिवार है कि धड़ाधड़ एक्स यानि ट्विटर प्रोफाइल बदलने लगी. मैं भी चौकीदार की जगह “मोदी का परिवार” ने ले ली.
अब मोदी जी के हर भाषण में इसका ज़िक्र तो होगा ही, हर भाजपा नेता की बातों में इस परिवारवाद का ज़िक्र ज़रूर होगा। जब देश की 140 करोड़ जनता एक परिवार बनकर मोदी जी की भाजपा को वोट करेगी तभी तो 400 पार का नारा सार्थक होगा. देश में अबतक एक ही बार ऐसा हुआ है, राजीव गाँधी ने ये कारनामा किया है तो कांग्रेस को पूरे देश से ख़त्म करने का संकल्प लेने वाले मोदी जी 402 के रिकॉर्ड को कैसे ख़त्म नहीं करेंगे। भाजपा और उसके समर्थकों ( समर्थकों का दायरा और परिभाषा काफी बड़ी है ) को मोदी जी के इस मिशन को हर हाल में पूरा करना है. वो फिल्म ओम शांति ओम का एक डायलॉग है न कि अगर किसी चीज़ को पूरे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है. तो मोदी जी की चाहत को, तमन्ना को, इच्छा को, सपने को पूरा करने के लिए समर्थक रुपी कायनात को तो जुड़ना है पड़ेगा।
अगर आपने आज अपना टीवी खोला होगा तो समर्थक आपको जानकारी दे रहे होंगे कि कब कब मोदी जी पर हमले हुए और मोदी जी ने उसे ट्रिगर पॉइंट बनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया है, ऐसा साम्राज्य जिसमें सिर्फ मोदी ही मोदी और कुछ नहीं। आज से मोदी जी ने आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया कि देश का हर नौजवान, बच्चा बूढा, माता और बहन उनका परिवार है. वैसे मोदी जी ने ये बात कहकर कुछ नया नहीं कहा है क्योंकि देश का प्रधानमंत्री देश के हर नागरिक का गार्जियन ही होता है ये अलग बात है कि उसे चुनावी जामा पहनाकर बताया गया है. लालू यादव का सवाल, और कहने का अंदाज़ थोड़ा भौंडा हो सकता है लेकिन गलत कुछ भी नहीं है। सबको मालूम है कि लालू का पूरा परिवार राजनीती में है, बिहार के हर वोटर को ये बात मालूम है फिर भी वो राजद को वोट करते हैं, मतलब उन्हें परिवारवाद से परहेज़ नहीं है। परिवारवाद कहाँ नहीं है, किस क्षेत्र में नहीं है, आम तौर पर एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बनता है , इंजिनियर का बेटा इंजिनियर। भाजपा में देखिये तो चारों तरफ परिवार ही परिवार मिलेगा। जिसके परिवार है वो उसे आगे बढ़ाएगा। लेकिन राजनीति में परिवारवाद की अपनी परिभाषाएं हैं, सामने का परिवारवाद तो दिखता है मगर अपना नहीं। बहरहाल अब “मोदी का परिवार” इस चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा ये तय हो गया है। भाजपा ने आज से इसे एक मुहीम बना दिया है और ये मुहीम मतदान तक जारी रहेगी। कितनी कामयाब होगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, वैसे 400 के पार जाना है तो इस मुहीम और आने वाली ऐसी ही और मुहिमों को कामयाब होना ही पड़ेगा।