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विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मृत अनिराज 16 साल बाद जिंदा गिरफ्तार

मेरठ रीजनविक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मृत अनिराज 16 साल बाद जिंदा गिरफ्तार

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विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मृत अनिराज 16 साल बाद जिंदा गिरफ्तार

  • 16 साल पहले मेरठ में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में 67 लोगों की हुई थी मौत
  • पत्नी और बच्चों सहित उत्तराखंड के रुद्रपुर में रह रहा था हत्या का आरोपी अनिराज

मेरठ/बुलंदशहर। 16 साल तक जिस व्यक्ति को उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मृत समझा जा रहा था वह जिंदा निकला। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बुलंदशहर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। दरअसल हत्या के एक मामले में आरोपित को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा से बचने के लिये उसने खुद को विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मृृत साबित कर दिया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी पत्नी और बच्चों सहित उत्तराखंड के रुद्रपुर में रहकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था।

वर्ष 2006 के अप्रैल माह में मेरठ में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में 67 लोगों की जलकर मौत हो गयी थी और सैंकड़ों लोग झुलस गये थे। हादसे में मृत लोगों में बुुलंदशहर निवासी अनिराज सिंह का नाम भी शामिल था। अनिराज सिंह

सरधना थाना क्षेत्र के ग्राम मदारपुर में वर्ष 1988 में हुई अनिल की हत्या का आरोपी था। सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई में अनिराज सिंह पुत्र जयवीर सिंह को उम्रकैद की सजा हुई थी। 2004 में पैरोल पर जेल से बाहर आया अनिराज फरार हो गया। 2006 में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में अनिराज की मौत होने का दावा करते हुए उसके परिजनों ने अनिराज का डेथ सर्टिफिकेट पुलिस को सौंपा। जिसके बाद है। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज कर मामला बंद कर दिया था। सन 2020 में अनिल के परिजनों ने पुलिस को अनिराज की जीवित होने की सूचना दी। इसकी पुष्टि होने के बाद सरधना थाने में फर्जी कागजात तैयार कराने का मुकदमा दर्ज कराने के साथ अनिराज पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

इस मामले में बुलंदशहर पुलिस की स्वाट टीम ने आरोपी अनिराज सिंह को कस्बा स्याना से गिरफ्तार कर लिया। पत्नी और बच्चों सहित उत्तराखंड के रुद्रपुर में रहकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा अनिराज पिछले 16 साल में गुरुग्राम, नोएडा, मेरठ व रुद्रपुर में गार्ड की नौकरी करता रहा। पूछताछ में उसने बताया कि उम्रकैद से बचने के लिए उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था।

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