बहुजन समाज पार्टी ने अयोध्या और उन्नाव सीट से ब्राह्मण उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है, इससे पहले मायावती ने पहली सूची में चार उम्मीदवार घोषित किये थे और वो सभी मुस्लिम चेहरे थे. बसपा ने अबतक आठ उम्मीदवारों की घोषणा की है जिसमें पांच तो मुस्लिम चेहरे हैं, वहीँ दो ब्राह्मण और एक OBC है, अभी तक किसी भी सीट से दलित उम्मीदवार का नाम नहीं आया है. यूपी की राजनीतिक वीथियों में इसे मायावती का कोई सोचा समझा प्लान बताया जा रहा है.
गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी ने अयोध्या और उन्नाव सीट से अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया. अयोध्या सीट से सच्चिदानंद पांडेय और उन्नाव सीट से अशोक पांडेय को उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की है. आठ में पांच मुस्लिम उम्मीदवारों की घोषणा करके ऐसा लगता है कि मायावती इसबार भारी संख्या में मुसलमानों को टिकट देने जा रही हैं. मुसलमानों के बाद मायावती की मेहरबानी ब्राह्मण यानि सवर्ण वोटों पर है . बता दें कि सच्चिदानंद पांडेय भाजपा छोड़कर बसपा में गए हैं, बसपा में जाने से पहले सच्चिदानंद पांडेय आंबेडकर नगर में बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे. कहा जा रहा है कि भाजपा से टिकट पाने की चाहत रखने वाले सच्चिदानंद पांडेय को जब वहां बात बनती नज़र नहीं आयी तो उन्होंने हाथी पर सवारी करना ठीक समझा।
सच्चिदानंद पांडेय की उम्मीदवारी का संयोग से एलान उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में थे और विकास योजनाओं का शुभारम्भ कर रहे थे. मायावती ने उन्नाव सीट से भी ब्राह्मण उम्मीदवार के रूप में अशोक पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा हैं. अशोक पाण्डे एक पत्रकार रहे हैं, वो भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन उनकी भी बात नहीं बन सकी और उन्हें भी मायावती की शरण में जाना पड़ा. मायावती ने इसी तरह मुस्लिम बाहुल्य सहारनपुर से माजिद अली को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को दिलचस्प बनाया है.