लोकसभा चुनाव में अभी दो तीन महीने बाकी हैं, इंडिया गठबंधन की पार्टियां सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची कर रही हैं इस बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी हलचल मच गयी है। हालाँकि बहुजन समाज पार्टी इंडिया गठबंधन में नहीं लेकिन उसका नाम गठबंधन की प्रमुख पार्टियों में से एक समाजवादी पार्टी बार बार कर रही है. इसी कड़ी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती भड़क उठीं। मायावती ने अखिलेश को अपने गिरेहबान में झाँकने की सलाह दी है।
दरअसल अखिलेश यादव ने कहा था कि मायावती को भरोसे लायक नहीं हैं. अखिलेश ने पत्रकारों के सवाल कि बसपा इंडिया गठबंधन में कब शामिल होगी पर सपा प्रमुख ने कहा था कि उनके साथ भारी विशवास की समस्या है, गठबंधन में शामिल होने के बाद क्या आप लोगो भरोसा दिलाएंगे, क्या आप में से कोई उनकी गारंटी ले सकता है. अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पलटवार करते हुए कहा कि उनपर तंज़ करने से पहले उन्हें पहले अपने गिरेहबान में झांककर देखना चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को आगे बढ़ाने में कितना दागदार है. मायावती ने संसद में मुलायम सिंह द्वारा पीएम मोदी को आशीर्वाद दिए जाने की बात का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता उस आशीर्वाद को कैसे भूल सकती है। मायावती ने सलाह दी कि दूसरों पर बेकार की बातें कहने की जगह अखिलेश को आपने समय भाजपा से लड़ने में बिताना चाहिए.
बता दें कि अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फैसला सूर्य के उत्तरायण में आते ही हो जायेगा। राम मंदिर का भाजपा द्वारा चुनावी लाभ उठाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि धर्म राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता। भाजपा को किसानों की आय दोगुनी हुई कि नहीं, युवाओं को रोजगार मिला या नहीं, ऐसे सवालों का जवाब देना पड़ेगा लेकिन भाजपा के पास इन सवालों का जवाब नहीं है इसलिए वह धर्म की आड़ लेती है. राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मिलने की बात पर अखिलेश ने कहा कि भाजपा कह रही है कि जिसके पास निमंत्रण होगा वहीँ समारोह में जायेगा। अखिलेश ने कहा कि राम जिसे बुलाएँगे तो भाजपा भी उसे नहीं रोक पायेगी.