Manipur violence: मणिपुर में महिलाओ को निवस्त्र कर सड़क पर घुमाने के मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन पांच पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही महिलाओं को निवस्त्र कर सड़क पर घुमाया गया है। मणिपुर पुलिस ने थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना हुई थी। इस दौरान थाना पुलिस ने कोई जरूरी कार्रवाई नहीं की थी।
अधिकारियों ने आज ये जानकारी दी
मणिपुर पुलिस ने इलाके के थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। जहां चार मई को भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने की घटना हुई थी। अधिकारियों ने आज ये जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि 19 जुलाई को पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर पुलिस ने थौबल जिले के नोंगपोक सेकमई पुलिस थाने के प्रभारी और चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। जानकार अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर पुलिस राज्य में हिंसा को खत्म करने के लिए प्रयास कर रही है। जो तीन मई को बहुसंख्यक मैतई और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच से शुरू हुई थी।
हिंसा को जल्द से काबू किया जाए
उन्होंने कहा पुलिस सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि कानून और व्यवस्था के माध्यम से हिंसा को जल्द से काबू किया जाए। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उदाहरण के लिए, सेना और असम राइफल्स सहित अन्य एजेंसियों की मदद से आवश्यक आपूर्ति को अधिशेष मात्रा में रखने में कामयाब रहे हैं।’
अधिकारियों का कहना है कि यह मौसम खेती का है। हम पूरी तरह से शांति का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए इसका प्रबंधन करना होगा। इसका मतलब साफ है कि पुलिस बल को तलहटी में स्थानांतरित करना होगा। जहां प्रसिद्ध काले चावल की खेती होती है। मणिपुर हिंसा में विभिन्न मामलों में अब तक 300 लोगों को गिरफ्तार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जातीय संघर्ष के दौरान जीरो एफआईआर दर्ज की गई हैं। हर दावे की जांच की जानी है।
महानिरीक्षक रैंक का एक अधिकारी जांच का नेतृत्व कर रहा
अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर के नारनसीना में स्थित दूसरी इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) मुख्यालय से हथियार और गोलियों लूटी गई थी। इसकी जांच आईजी स्तर के अधिकारियों से कराई जाएगी। महानिरीक्षक रैंक का एक अधिकारी जांच का नेतृत्व कर रहा है जो छह हफ्ते के भीतर पूरी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि चुराचांदपुर की ओर मार्च करने के लिए तीन अगस्त को भीड़ जमा हुई थी। जहां आदिवासी उसी दिन राज्य में जातीय झड़पों में मारे गए लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बना रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि हवाईअड्डे के बाहर महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी पर हमले के बाद 30 लोग गिरफ्तार किए गए है। नगा मारिंग महिला की 15 जुलाई को हत्या के मामले में पांच मीरा पैबिस सहित नौ लोग गिरफ्तार किए गए है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में बिना किसी घटना के एक दिन को ‘हिंसा की अनुपस्थिति’ कहा जा रहा है। इसे सामान्य चीज के रूप में अब नहीं देखा जाता। चीजें सामान्य होने से पहले अभी काफी लंबा रास्ता तय करना है।