प्रयागराज महाकुंभ की जिन बातों और विशेषताओं पर चर्चा होनी चाहिए उनकी जगह पर इसबार सुर्खियां वो नए नए बाबा और साध्वी चर्चा में हैं जो या तो सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स रहे हैं या फिर अपनी खूबसूरती से लोगों में चर्चा में हैं इनमें से हर्षा, मोनालिसा और आईआईटी बाबा विशेष हैं. इस बात से महाकुम्भ में आया संत समाज काफी नाराज़ है, उसका कहना है कि इस संगम नगरी में सिर्फ अध्यात्म और धर्म की बातें और चर्चाएं होनी चाहिए लेकिन मीडिया इनकी जगह अन्य बातों पर चर्चा हो रही है.
अपनी इस नाराज़गी का इज़हार संत समाज ने महाकुम्भ में आयोजित एक समागम में किया. अखाड़ा परिषद के महंत रवींद्र पुरी महंत ने कथित बाबाओं और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को को आगाह किया कि महाकुंभ मेले में साधु-संतों की बात करें, धर्म की बात करें, उन्हें परेशान ना करें, नहीं तो हम लोगों को कुछ करना पड़ेगा. निरंजनी अखाड़े की महिला महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने दुःख जताते हुए कहा कि कुछ यूट्यूबर अपने फॉलोअर्स और रेटिंग को बढ़ाने के लिए महाकुम्भ में आए संतों को दरकिनार करते हुए ऐसे लोगों पर केंद्रित होकर रह गए हैं जिनका अध्यात्म से कोई सरोकार नहीं है. इन फ़र्ज़ी लोगों ने संतों का जीना हराम कर दिया है. उन्होंने हर्षा रिछारिया का नाम लेते हुए कहा कि इन्हें कुंभ की वास्तविकता को प्रदर्शित करना चाहिए. उन्होंने माला बेचने वाली उस लड़की का ज़िक्र करते हुए कहा कि मीडिया उसे मोनालिसा बता रहा है, उसकी आँखों की तारीफ हो रही है, उसके नयन नक्श पर चर्चा हो रही है, जबकि इस पवन धरती के हर कण में सुंदरता है, अध्यात्म की उस सुंदरता को यह लोग नहीं दिखा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि यह महाकुम्भ हर्षा, मोनालिसा और आई टी बाबा है न कि संस्कृति और अध्यात्म का.
वहीँ जूना अखाड़े के संत महामंडलेश्वर ऋषि भारतीय का कहना है कि किसी एक्ट्रेस या मॉडल को भगवा चोला पहन के बिना संस्कार के स्नान करते देख उन संतों की भी गरिमा गिरती है जो सच्चे हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस आभासी दौर में एक्ट्रेस ने भगवा चोला अपने फॉलोअर्स को बढ़ाने के लिए धारण किया हो. उन्होंने ऐसे लोगों से बाज़ आ जाने का आग्रह किया।