भारतीय शेयर बाजार अपने सात महीने के निचले स्तर पर चल रहा है. विदेशी निवेशक लगातार अपना निवेश भारत से निकाल रहे हैं और चीन जैसे दूसरे बाज़ारों में अपना पैसा डाल रहे हैं. अपने शिखर से सेंसेक्स में करीब 11 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट आ चुकी है और फिलहाल शेयर बाज़ार संभलते हुए दिखाई नहीं दे रहा है. अब एक सर्वे आया है जो और भी डरावना है, इस सर्वे में शामिल बाजार के बड़े जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार अपना बॉटम खोज रहा है और बाजार में अभी भी 10 प्रतिशत की गिरावट और देखी जा रही है.
इस सर्वे में भाग लेने वाले 63 प्रतिशत जानकारों का मानना है कि बाजार मौजूदा स्तरों से 10 प्रतिशत और गिर सकता है. इस बीच 28 प्रतिशत उत्तरदाता 20 प्रतिशत तक की गिरावट देख रहे हैं वहीँ नौ प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि गिरावट पूरी हो चुकी है. बता दें कि नए साल में निफ्टी 50 में 2.85 प्रतिशत और सेंसेक्स में 3.2 प्रतिशत गिर चूका है.
नीरव करकेरा, जो फिसडम में शोध प्रमुख हैं ने कहा कि बाजारों में संभावित गिरावट ट्रम्प के शपथ ग्रहण, आगामी केंद्रीय बजट और भारत की मुद्रास्फीति प्रवृत्ति जैसे कारकों को ध्यान में रख सकती है। उन्होंने कहा कि नई मौद्रिक नीति समिति द्वारा ब्याज दरों पर मार्गदर्शन भी यह निर्धारित करेगा कि बाजार आगे कैसा प्रदर्शन करेगा। वहीँ 3पी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के प्रशांत जैन ने कहा कि आगे की ओर देखते हुए सभी की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य चीजों के अलावा टैरिफ, करों और विनियमन पर उनके फैसलों पर हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने आउटलुक में कहा, “बाजारों को आय पुनर्निर्धारण, घरेलू उपभोग मांग में संरचनात्मक मुद्दों जैसे कारकों से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।