उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुंभ मेला 2025 के पहले ‘अमृत स्नान’ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है। स्नान सुबह 6.58 बजे से शुरू हो गया है और ताज़ा जानकारी के मुताबिक अबतक 6 अखाड़ों ने स्मृत स्नान कर लिया है और शेष अखाड़े सनान की तैयारी में हैं. एक एक करके हर अखाड़े के साधू आ रहे हैं और स्नान करके जा रहे हैं. महाकुंभ का पहला अमृत स्नान कई मायनों में खास है। यह पहले बड़े ‘स्नान’ के एक दिन बाद आता है ।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने अमृत स्नान के महत्त्व के बारे में बताते हुए कहा कि मकर संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध में संक्रमण का प्रतीक है।
गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदी के पवित्र संगम पर पवित्र स्नान में भाग लेने के लिए हजारों श्रद्धालु पहले ही त्रिवेणी संगम पर उमड़ चुके हैं। महाकुंभ 2025 का आयोजन 10,000 एकड़ के विशाल क्षेत्र में किया जा रहा है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर डुबकी लगाने वाले कई तीर्थयात्री मकर संक्रांति के अवसर पर एक और डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज में ही रुक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मेला क्षेत्र में 15 लाख शौचालय, 15 हजार सफाई कर्मचारी, 2500 गंगा सेवादूत और 15 लाख टेंट की व्यवस्था की है। राज्य सरकार ने सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइटिंग समेत 69 हजार एलईडी लाइट, 2750 भीड़ निगरानी कैमरे और 24×7 इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) की निगरानी भी की है। इसके अलावा 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र, 25 हजार कर्मचारी और 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की सुविधा होगी। 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने फ्लोटिंग पुलिस चौकी बनाई है। आयोजन की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों समेत 10 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है।