तौक़ीर सिद्दीक़ी
आईपीएल का तीसरा खिताब कोलकाता नाईट राइडर्स ने हासिल कर लिया। कहा जाय तो केकेआर अपनी उस टैग लाइन पर बिलकुल खरी उतरी जिसमें कहा गया था केकेआर है तैयार। इस आईपीएल में वो बिलकुल तैयार दिखी। ये तैयारी पूरे आईपीएल के दौरान दिखाई दी. कह सकते हैं कि जो चैंपियन बनने की हकदार टीम थी वही चैंपियन बनी. फाइनल मैच में उसने आईपीएल की नंबर दो टीम SRH को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। शुरुआत से है बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन फाइनल के लिए बचा रखा था. बड़ी टीमें ऐसा ही करती हैं. केकेआर को आईपीएल में हमेशा एक बड़ी टीम माना जाता रहा है. हालाँकि इससे पहले खिताब उसके नाम दो ही थे लेकिन अब उसमें एक नंबर और जुड़ गया है। दिलचस्प बात ये है कि केकेआर ने सिर्फ चार फाइनल खेले हैं और इसमें से तीन बार चैंपियन बनी है, यानि केकेआर का फाइनल में पहुंचना ही ख़िताब की गारंटी बन जाती है.
इससे पहले केकेआर ने 2012 और 14 में ख़िताब हासिल किया था, इसके बाद दस का एक लम्बा अरसा निकल गया. केकेआर टीम की मालिक शाहरुख़ की फिल्म का एक डायलॉग है कि “अगर किसी चीज को दिलसे चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है”। इस बार केकेआर के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. पिछले कुछ आईपीएल संस्करणों में केकेआर का प्रदर्शन अगर देखेंगे तो अच्छा नहीं रहा था. कई कप्तान बदले गए, खिलाडी भी बहुत बदले गए लेकिन कहीं न कहीं चीज़ें सहीं नहीं बैठ रही थी. केकेआर में वो तालमेल नहीं बन रहा था जो एक टीम को चैंपियन बना सके मगर कायनात ने इसबार उस तालमेल को मिलाने का फैसला किया और गौतम गंभीर के रूप केकेआर में वापसी हुई और चीज़े अपने अपने आप सुधरने लगीं। गौतम गंभीर ही वो खिलाड़ी थे जिनकी कप्तानी में केकेआर दो बार चैंपियन बनी और अब उनकी एक मेंटोर के रूप में टीम में वापसी ने खिलाडियों के बीच एक नया संचार पैदा कर दिया।
फाइनल जीतने के बाद कल केकेआर के बहुत से खिलाडियों ने अपनी भावनाएं कैमरे पर शेयर कीं, हर कोई जीजी यानि गौतम गंभीर से प्रभावित नज़र आ रहा था. मगर नितीश राणा ने जो बात की वो बताती है कि गौतम गंभीर के केकेआर से जुड़ने के बाद टीम के खिलाडियों की सोच में किस तरह का बदलाव आया. नितीश राणा ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि जीजी भाई मेंटोर बनकर टीम से जुड़ रहे हैं तो उन्होंने गौतम गंभीर को एक लम्बा चौड़ा मेसेज भेजा जिसे पढ़कर गंभीर ने नितीश को रिप्लाई किया कि तुमने जो कुछ लिखा सब अपनी जगह सही है लेकिन बात तो तब है जब हम विक्ट्री पोडियम पर ट्रॉफी उठाये हुए हों. गंभीर का मानना है कि आप सिल्वर मैडल कभी जीतते नहीं हो बल्कि गोल्ड मैडल हारते हो. जो लोग ट्रॉफी उठाते हैं उन्हें सभी याद रखते हैं। एक मेंटोर के रूप में गौतम गंभीर ने LSG से भी बेहतर प्रदर्शन करवाया। 2022 और 23 में LSG की टीम प्ले ऑफ में पहुंची थी लेकिन शायद कायनात को यही मंज़ूर था कि गौती LSG छोड़कर केकेआर से जुड़े और केकेआर तीसरी बार चैंपियन बने.
बेशक केकेआर की इस जीत में सिर्फ गौतम गंभीर का ही हाथ नहीं है, खिलाडी तो हकदार हैं ही, और भी सपोर्टिंग स्टाफ है जिसने बड़ी मेहनत की जिसमें हैडकोच चंद्रकांत पंडित के साथ बैटिंग कोच अभिषेक नायर का भी हाथ है. केकेआर के खिलाडियों ने भी उन्हें पूरा श्रेय दिया लेकिन जिसके आने से चीज़े बदलीं क्रेडिट तो उसे ही जाता है वर्ना ये वही सुनील नरेन् थे जो मात्र गेंदबाज़ बनकर रह गए थे, ये वही आंद्रे रसेल थे जो न गेंदबाज़ रह गए थे और न ही बल्लेबाज़। मगर गौतम गंभीर ने आते ही टीम के कॉम्बिनेशन में बदलाव किये और इन दोनों खिलाड़ियों से उनका सौ प्रतिशत बाहर निकाला। मिचेल स्टार्क की बोली पौने पच्चीस करोड़ तक पहुँचाने में गौतम गंभीर का ही हाथ था. उन्हें हर कीमत पर स्टार्क चाहिए थे क्योंकि उन्हें पता था कि स्टार्क क्या कर सकते हैं. शुरू के मैचों में जब स्टार्क अपनी लय में नहीं आ पा रहे थे तब स्टार्क और गंभीर पर बड़े सवाल उठ रहे थे लेकिन गंभीर ने स्टार्क पर अपने भरोसे को कम नहीं होने दिया। गंभीर को मालूम था स्टार्क बड़े मैच के खिलाड़ी हैं, वो उन्हें अपना बेस्ट तब देंगे जब टीम को सबसे ज़्यादा ज़रुरत होगी और स्टार्क ने अपने प्रदर्शन से दिखा दिया कि उनपर भरोसा करना गलत नहीं था, क्वालीफ़ायर हो या फाइनल, दोनों ही बड़े मैचों में स्टार्क ने SRH की उस ओपनिंग जोड़ी को टिकने नहीं दिया जिसने पूरे आईपीएल में तबाही मचा रखी थी. क्वालीफ़ायर में स्टार्क ने जहाँ ट्रेविस हेड को गोल्डन डक पर चलता किया वहीँ फाइनल में अभिषेक शर्मा को अपने पहले ही ओवर में एक करिश्माई गेंद से पवेलियन वापस भेज दिया। तो कहा जा सकता है कि 25 करोड़ का गंभीर का दांव कामयाब हो गया और केकेआर के लिए जीजी फिर नसीब वाले साबित हुए.