मेरठ शहर विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने रफीक अंसारी को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी होने के बाद सपा विधायक को गिरफ्तार किया गया है। मेरठ पुलिस की टीम उसे लेने के लिए रवाना हो गई है.
रफीक अंसारी मेरठ शहर विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं उनके खिलाफ एक पुराने मामले में नोटिसों की सेंचुरी लगने के बावजूद वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिससे हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया, जिसके आदेश पर बाराबंकी पुलिस ने उन्हें जैतपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया.
वर्ष 1995 में रफीक अंसारी व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. दूसरे आरोपी तो कोर्ट में हाजिर हो गये, लेकिन विधायक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इस मामले में कोर्ट अंसारी के खिलाफ वारंट जारी करता रहा, जब कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी किया तो एसपी विधायक स्टे और एफआईआर रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट चले गए. उन्होंने सपा विधायक को राहत देने के बजाय एनबीडब्ल्यू जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी जताई.
कोर्ट ने विधानसभा के प्रमुख सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह को रफीक अंसारी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि रफीक अंसारी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा कैसे ले रहे हैं, उनके खिलाफ तो कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी कर रखा है. कोर्ट के आदेश के बाद एडीजी मेरठ जोन को इस मामले में रफीक अंसारी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए मेरठ की अदालत से आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत आपराधिक मामले में रफीक अंसारी के खिलाफ वारंट जारी किए गए थे। वर्ष 1995 में रफीक अंसारी समेत 35-40 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.