पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए जीते गए छह पदकों में से दो पदक जीतने वाली मनु भाकर प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार न मिलने से पूरी तरह टूट गई हैं। 22 वर्षीय मनु ने कहा है कि उन्होंने मान्यता के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर अपना नाम प्रस्तुत किया था, लेकिन उनका नाम शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों में नहीं था। पुरस्कार के लिए कुल 30 एथलीटों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।
मनु ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया, वह ग्रीष्मकालीन खेलों के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं। इस अनदेखी पर प्रतिक्रिया देते हुए, उनके पिता राम किशन भाकर ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी को शूटिंग जैसे खेल में डालने का पछतावा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बजाय क्रिकेट में आगे बढ़ाना चाहिए था। मनु के पिता ने खेल मंत्रालय और खेल रत्न नामांकितों की सूची को अंतिम रूप देने वाली समिति की कड़ी आलोचना की।
मनु के पिता ने कहा, मुझे उसे निशानेबाजी के खेल में डालने का अफसोस है। मुझे उसे क्रिकेटर बनाना चाहिए था। तब, सभी पुरस्कार और प्रशंसाएं उसके पास आतीं। उसने एक ही संस्करण में दो ओलंपिक पदक जीते, ऐसा पहले कभी किसी ने नहीं किया। आप मेरी बेटी से देश के लिए और क्या उम्मीद करते हैं?
वहीँ खेल मंत्रालय ने उल्लेख किया है कि मनु ने पुरस्कार के लिए अपना नाम नहीं भेजा, जबकि निशानेबाज ने इसके विपरीत कहा है। मनु ने कहा कि उसने पोर्टल पर आवेदन किया था। अगर ऐसा था, तो समिति ने उसके नाम पर विचार किया होगा। जो भी स्थिति हो, महासंघ ने मंत्रालय से संपर्क किया है और अधिकारियों से उसका नाम शामिल करने का अनुरोध किया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो मनु ने पद्म भूषण और पद्म श्री के लिए भी आवेदन किया था।