नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द की गई है। इसके संबंध में केन्द्रीय चुनाव आयोग ने राज्यपाल को पत्र भेजा है। आयोग ने सोरेन की ओर से एक खान अपने नाम करवाने के मामले में सिफारिश की है। राज्यपाल रमेश बैस दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए निकल गए हैं। वह करीब दो बजे राँची पहुँचेंगे। क़रीब तीन बजे तक राजपत्र में इसको प्रकाशित कर दिया जाएगा। भाजपा का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने खुद को पत्थर खनन लीज आवंटित कर लिया था। भाजपा ने इसको भ्रष्ट आचरण बताया था। भाजपा ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ं का हवाला देेकर हेमंत सोरेन की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। क्योंकि राज्य कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार हेमंत के पास है।
बता दें कि सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा द्वारा दो जनहित याचिकाएं दायर कर इस मामले में सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले जांच कराने की मांग की थी। आरोप है कि हेमंत सोरेन ने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस को ही अपने नाम आवंटित करवा लिया था। बता दें कि सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है। झारखंड में सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा अब हेमंत सोरेन के विकल्प पर चर्चा कर रही है। बताया ये भी जा रहा है कि अब मुख्यमंत्री पद पर सोरेन परिवार में से ही किसी को बैठाया जा सकता है। वहीं भाजपा ने दावा किया था कि हेमंत विकल्प के तौर पर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।