भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कल जिस सेंट्रल कांट्रैक्ट की घोषणा की है उसपर बवाल मच गया है, कई पूर्व खिलाडियों ने बोर्ड की इस कार्रवाई को मनमाना कहा है और कडुवे सवाल भी पूछे हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल के एल राहुल को लेकर है जिनके बारे में पता नहीं कि कब घायल होकर टीम को मझधार में छोड़ दें. पिछले दो सालों पर अगर नज़र डालें तो पता चलता है कि बोर्ड और रोहित शर्मा के सबसे चहेते अनफिट होने की वजह से कितनी बार और कितने दिनों तक टीम से बाहर रहे हैं, इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रंखला इस बात का ताज़ा सबूत है.
सवाल ये उठता है कि राहुल को ये छूट क्या इसलिए दी जा रही है कि 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल से पहले वो पूरी तरह फिट हो सकें। पिछले आईपीएल में भी के एल राहुल अनफिट हो गए थे और लीग के आखरी मैचों में क्रुणाल पांडेय को कप्तानी करनी पड़ी थी क्योंकि वो LSG के उप कप्तान थे हालाँकि इसबार उनसे फ्रैंचाइज़ी ने ये पद छीनकर वेस्टइंडीज के निकोलस पूरन को थमा दिया गया है. लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए के एल राहुल कितना उपलब्ध रहेंगे कल लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में पूछे गए इस सवाल पर टीम के सीनियर खिलाडी अमित मिश्रा सकपका गए. बोले वो फिट हैं और पांचवां टेस्ट खेलेंगे, हालाँकि सभी को मालूम है कि के एल राहुल अंतिम 11 का हिस्सा नहीं हैं और रजत पाटीदार को लगातार फ्लॉप होने के बावजूद इसी लिए मौके दिए जा रहे हैं. अब पांचवें टेस्ट में उनकी जगह देवदत्त पडीक्कल को डेब्यू कराने की बात हो रही है.
आखिर ऐसा क्या है कि चाहे बोर्ड हो या फ्रैंचाइज़ी, के एल राहुल पर सभी खामोश हैं. वहीँ श्रेयस अय्यर और ईशान किशन बोर्ड का कोप भाजन बने हुए हैं. ईशान किशन की तो एक समय गलती मानी भी जा सकती है लेकिन श्रेयस अय्यर ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसके लिए उन्हें सेंट्रल कांट्रैक्ट से निकाला जाता। ज़्यादा से ज़्यादा उन्हें बी ग्रेड से सी ग्रेड देकर उन्हें सबक सिखाया जा सकता था.