अमित बिश्नोई
टी 20 विश्व कप में वैसे तो भारत का पहला मैच 23 अक्टूबर को दुश्मन देश पाकिस्तान से 23 अक्टूबर को है मगर उससे पहले उसे दो वार्म अप मैच मेज़बान ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ खेलने हैं. इनमें से पहला मुकाबला कंगारुओं के खिलाफ कल ब्रिस्बेन में खेला जाना है. ऑस्ट्रेलिया मेज़बान होने के साथ ही डिफेंडिंग चैम्पियन भी इसलिए मिशन मेलबोर्न की आधिकारिक शुरुआत से पहले टीम इंडिया के लिए यह दो वार्म आप मैच बहुत महत्त्व रखते हैं. एक तो दोनों ही टीमें काफी मज़बूत टीमें हैं इसलिए मुकाबला भी काफी मज़बूत यानि टक्कर का देखने का मिल सकता है.
विश्व कप में शामिल जितनी भी टीमें हैं सभी अबतक प्रयोग के दौर से गुज़र रही थी लेकिन इन वार्म मैचों में उन्हें अपनी प्लेइंग टीम फाइनल करने का मौका है और उम्मीद है कि इन दोनों मैचों में टीम इंडिया वह 11 खिलाडी मैदान में उतारेगी जिन्हें 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है. लगभग ऐसा ही रवैया दूसरी टीमों का भी होगा, अब कोई भी टीम के मुख्य खिलाडियों को रेस्ट नहीं कराना चाहेगी। विश्व कप में जाने से पहले फाइनल टेस्टिंग का यह सभी टीमों के पास अंतिम मौका है.
भारतीय टीम की बात करें तो 15 अक्टूबर को कप्तानों की प्रेस कांफ्रेंस में रोहित शर्मा कह ही चुके हैं कि सभी लोगों को मालूम है कि पाकिस्तान के खिलाफ कौन सी टीम मैदान में उतरेगी। इसका मतलब टीम मैनेजमेंट ने तय कर लिया है कि शुरूआती मैचों में किन 11 खिलाडियों को मैदान में उतारना है. उस लिहाज़ से देखा जाय तो ऊपर रोहित और राहुल, फिर विराट और सूर्यकुमार, उसके बाद हार्दिक और दिनेश कार्तिक। इसके बाद अक्षर पटेल, चहल या अश्विन, फिर भुवनेश्वर और अर्शदीप और जैसा कि टीम मैनेजमेंट और कप्तान का रुख दिख रहा है उसके हिसाब से 11वें खिलाडी मोहम्मद शामी हो सकते हैं. पंत की फिलहाल टीम में कोई पोजीशन नहीं बनती है, उन्हें दो अनाधिकारिक वार्म अप मैचों में पारी की शुरुआत करने भेजा था लेकिन दोनों ही मैचों में वो नाकाम रहे थे.
कल होने वाला मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की टीम भी बड़ी तैयारी में है, उसके पीछे पिछले टी 20 विश्व कप का खिताब भी है. फिलहाल टीम की समस्या कप्तान फिंच का फॉर्म में न होना है. कल मैच में वो अपनी लय प्राप्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। मैथियु वेड इस फॉर्मेट में कितने खतरनाक हैं यह वो पिछले विश्व कप से दिखाते चले आ रहे हैं, टीम डेविड के रूप में उन्हें एक नया खतरनाक बल्लेबाज़ मिला है जिसने अपनी उपयोगिता को साबित कर दिया है. मैक्सवेल को साबित करने की कोई ज़रुरत नहीं है, मिचेल मार्श भी अपनी सुपर फॉर्म में हैं। गेंदबाज़ी भी ऑस्ट्रेलिया की बहुत बैलेंस है और सबसे बड़ी बात अपनी पिचों पर खेलने का अनुभव उन्हें सभी टीमों पर कहीं न कहीं बढ़त दिलाता है. टीम इंडिया के लिए यह मिशन विश्व कप का यह एक कड़ा इम्तेहान है, भले ही यह अनाधिकारिक मैच है लेकिन आधिकारिक मैच जैसा ही इसका महत्त्व है.