Chandrayaan 3 Mission Successful: चंद्रयान 3 में भारत के 600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके बाद आज भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंड हो गया। 6,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धीमा होकर 0 किमी घंटे की रफ्तार पर आकर लैंडर चांद की सतह पर पहुंचा है। ISRO ने इतनी सुरक्षा के साथ चंद्रयान 3 को डिजाइन किया था कि अगर ये 10 किमी की रफ्तार से लैंडिंग करता तो इसको कोई नुकसान नहीं होता।
चांद के दक्षिण ध्रुव पर अंतरिक्ष यान लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश
ISRO के चंद्रमा मिशन की सफलता के साथ एक इतिहास भारत के नाम जुड़ गया है। भारत अब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 मिशन के सफलता के बाद भारत चंद्रमा की धरती पर साफ्ट लैंडिंग वाला चौथ देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस चंद्रमा की धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं। इसके पहले, 21 अगस्त को ही रूस के Luna-25 अंतरिक्ष यान को चांद पर उतरना था लेकिन उसका मानवरहित रोबोट लैंडर कक्षा में अनियंत्रित होने के बाद चंद्रमा से टकराया और मिशन फेल हो गया।
केवल 600 करोड़ खर्च में चांद पहुंचे हम
भारत ने मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग को देखकर केवल देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोग काफी उत्साहित हैं। इसके लिए भारत ने केवल 600 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं। आज 23 अगस्त को शाम 5. 20 मिनट से देश की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO मिशन मून का लाइव प्रसारण कर रहा है। इसरो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर चंद्रयान 3 के लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया को प्रसारण कर दिखाया गया। इसके साथ नेशनल टीवी चैनल दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण किया गया।
चंद्रयान-2 की असफलता से सीखा ISRO इस बार रहा सावधान
ISRO का चंद्रयान-3 मिशन इस बार सावधानी और सतर्कता के साथ सफल हुआ है। करीब 4 साल पहले,साल 2019 में, चंद्रयान-2 की असफलता के बाद इस बार ISRO ने failure-based appfroach का चुनाव किया। विफलता यानी सेंसर का फेल होना, इंजन का फेल होना या एल्गोरिदम का सही काम न करना। इन सभी चीजों पर इसरो ने फोकस किया। मिशन के दौरान क्या-क्या फेल हो सकता है और सफल लैंडिंग कराने के लिए कैसे पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाए।
बुधवार को ISRO ने X पर ट्वीट कर बताया कि वह ऑटोमेटिक लैंडिंग सीक्वेंस को लेकर तरह से तैयार है। मिशन ऑपरेटिंग टीम कमांड को लेकर कन्फर्मेंशन देती रहेगी। और मॉक्स (MOX-mission operating complex) से ऑपरेशन का प्रसारण शाम 5.20 मिनट से दिखाया गया। बता दें कि मॉक्स की गैलरी आज बुधवार को चंद्रयान-3 का साक्षी बनने के लिए भरी थी हर कोई काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं।