कर्नाटक में रिश्वत कांड के आरोप भाजपा विधायक पर शिकंजा कसता जा रहा है, बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा की विधायकी भी अब खतरे में पड़ती हुई दिखाई दे रही है. मदल विरुपक्षप्पा KSDL यानि कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट कॉन्ट्रैक्ट घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. दरअसल देश की शीर्ष अदालत ने सोमवार को कर्नाटक लोकायुक्त की उस याचिका पर आरोपी बीजेपी विधायक से जवाब मांगा जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई थी। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच 14 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ लोकायुक्त द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गई थी।
लोकायुक्त पुलिस छापा
लोकायुक्त पुलिस ने भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के पुत्र प्रशांत मदल को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड कार्यालय में अपने पिता के नाम से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। बेटे की गिरफ्तारी के बाद मदल विरुपक्षप्पा ने KSDL के अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दे दिया था। बता दें कि प्रशांत मदल बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के चीफ अकाउंट ऑफीसर हैं।
कट मनी सरकार की पहचान
रिश्वतखोरी के इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें Anticipatory bail दे दी थी और उन्हें आर्डर की कॉपी मिलने के 48 घंटे के भीतर मामले में इंवेस्टिगेटिंग अफसर के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने मदल विरुपक्षप्पा को जमानत पर रहते हुए सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया था। बता दें कि कर्नाटक की भाजपा सरकार कमीशन सरकार के रूप इस समय बदनाम हो चुकी है. आम जनता में बोम्मई सरकार को 40 प्रतिशत कट मनी वाली सरकार के रूप में पहचान बनी हुई. कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को भुना रही है जो भाजपा के लिए बहुत बड़ी चिंता का कारण है.