सबसे अधिक निवेशकों वाले राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश ने गुजरात को पीछे छोड़ दिया और अब वो दूसरे स्थान पर है। 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में 89.5 लाख सक्रिय निवेशक थे जबकि गुजरात में 76.5 लाख। देश में कुल निवेशकों की बात करें तो 25 दिसंबर तक भारत में 8.49 करोड़ से अधिक पंजीकृत निवेशक थे जो पिछले वर्ष से 22.4% अधिक है। इस वृद्धि का कारण शीर्ष महानगरों के बाहर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों की अधिक पहुंच को बताया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर वित्तीय और व्यावसायिक सूचनाओं के इज़ाफ़े ने भी शेयर बाजार में निवेश को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा की है।
बता दें कि इस वर्ष भारतीय शेयर बाज़ार में निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई जो 8 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक इस साल शेयर बाजार निवेशकों की संख्या 22.4 फीसदी बढ़ी है। बिहार, यूपी और एमपी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। बिहार की बात करें तो यहाँ पंजीकृत निवेशकों की संख्या में 36.6 प्रतिशत की असाधारण वृद्धि देखी गई जो दर्शाता है कि राज्य के वित्तीय बाजारों में लोगों की कितनी दिलचस्पी बढ़ी है।
बिहार के बाद यूपी और और एमपी का स्थान रहा है जहाँ क्रमशः 33.8 प्रतिशत और 28.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की। ये राज्य लगातार खुद को भारतीय निवेश परिदृश्य में प्रमुख खिलाड़ियों के रूप में स्थापित कर रहे हैं। हालाँकि देश की वित्तीय राजधानी महाराष्ट्र 16.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत में सबसे बड़ा निवेशक पूल है जहां 25 दिसंबर तक 1.48 करोड़ से अधिक पंजीकृत निवेशक थे। उत्तर प्रदेश के लिए ये आंकड़े यकीनन इस बात को दर्शाते हैं कि लोगों में निवेश को लेकर रूचि बढ़ी है और शेयर बाज़ार में निवेश के प्रति हिचकिचाहट काफी कम हुई है. म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजरों के मुताबिक यूपी में SIP के ज़रिये निवेश लगातार बढ़ रहा है और धीरे धीरे उत्तर प्रदेश एक बड़ा मार्केट बनने की ओर अग्रसर है. कहा जा सकता है कि योगी के यूपी ने मोदी के गुजरात पर इस मामले में बाज़ी मार ली है।