जब दक्षिण भारत घूमने की बात आती है तो केरल का नाम सबसे पहले लिया जाता है, लेकिन जब मानसून में दक्षिण भारत घूमने की बात आती है तो कर्नाटक का नाम जरूर सबसे पहले लिया जाता है। कर्नाटक को भारत के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। है। इस राज्य को दक्षिण का गुलदस्ता भी कहा जाता है। कर्नाटक में घूमने के लिए सबसे अच्छी और खूबसूरत जगहों में से एक हैं, जहां हर महीने लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं।
अगर आप भी मानसून में दक्षिण भारत घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस लेख में हम कर्नाटक की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बात करने जा रहे है , जिनके आगे विदेशी जगहें भी फेल हो जाती है । तो चलिए जानते है –
कूर्ग
जब मानसून के दौरान कर्नाटक में किसी खूबसूरत जगह की यात्रा करने की बात आती है, तो कूर्ग का नाम सबसे पहले लिया जाता है। कूर्ग को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है, क्योंकि मानसून के दौरान यहां की खूबसूरती अपने चरम पर होती है। कूर्ग सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में चाय के बागान, खूबसूरत झरने और बहती नदियां खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती हैं। यह खूबसूरत हिल स्टेशन मानसून के दौरान कई बार बादलों से भी ढका रहता है। आप कूर्ग में अभय जलप्रपात, मंडलपट्टी व्यू पॉइंट और पुष्पगिरी वन्यजीव अभयारण्य जैसी खूबसूरत जगहों का भी लुफ्त उठा सकती है।
गोकर्ण
कर्नाटक में गोकर्ण के सौंदर्य की जितनी तारीफ की जाए कम है। इस बीच टाउन की खूबसूरती अपने चरम पर होती है, इसलिए मानसून के दौरान हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं। गोकर्ण कर्नाटक का एक छोटा सा शहर है, लेकिन यह दो चीजों के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। पहली बात यहां मौजूद खूबसूरत बीच और दूसरी बात यहां मौजूद पवित्र मंदिर। यहां आप गोकर्ण बीच, हाफ मून बीच, पैराडाइज बीच, महाबलेश्वर मंदिर और महागणपति मंदिर जैसी जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
नंदी हिल्स
कर्नाटक का नंदी हिल्स एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जहां मानसून के दौरान रोजाना हजारों की संख्या में बेंगलुरु और आसपास के इलाकों से लोग पहुंचते हैं। समुद्र तल से 8 हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई पर मानसून के दौरान यह बादलों से ढका रहता है। नंदी हिल्स में सूर्योदय और सूर्यास्त सबसे प्रसिद्ध चीज है। मानसून में सूर्योदय और सूर्यास्त के मनमोहक दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। आपको बता दें कि यह बेंगलुरु से करीब 60 किलोमीटर दूर है।